ई-एजेंडा के मंच पर 15 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कोरोना वायरस, इससे निपटने के लिए किए जा रहे उपायों के साथ ही लॉकडाउन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर भी खुलकर बात की. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सतर्कता के साथ सख्ती को प्रदेश में कोरोना को कंट्रोल करने का मंत्र बताया, साथ ही लॉकडाउन के कारण पर्यटन को पहुंच रहे नुकसान पर भी बात की.
लॉकडाउन के कारण गंगा का पानी स्वच्छ हो जाने और इसे आगे भी स्वच्छ बनाए रखने के लिए सरकार की रणनीति के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गंगा बिल्कुल साफ हैं. उन्होंने गंगा के निर्मल और अविरल होने का विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के संकल्प से जनता जुड़ चुकी है. गंगा निश्चित रूप से निर्मल और अविरल होंगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा में गिरने वाले तमाम नाले बंद कर दिए गए हैं.
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मुख्यमंत्री ने माना कि लॉकडाउन के कारण प्रदेश को बहुत नुकसान हुआ है. उन्होंने इसके लिए 12 महीने के पर्यटन को बढ़ावा देने की रणनीति पर काम करने की जानकारी दी. लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे लोगों को प्रदेश में वापस लाने की रणनीति पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रेल मंत्री से बात कर 12 ट्रेन की डिमांड की है, जिससे अहमदाबाद, भोपाल, मुंबई और दिल्ली सहित अन्य स्थानों पर फंसे प्रदेश के प्रवासियों को वापस लाया जा सके.
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मुख्यमंत्री ने वापस प्रदेश लौटने के लिए अब तक 87000 से अधिक आवेदन मिलने की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि रेल मंत्री ने दिल्ली से ट्रेन देने में असमर्थता जताई, लेकिन इस पर विचार का आश्वासन भी दिया. उन्होंने जड़ी-बूटी से कोरोना के उपचार के लिए शोध के सवाल पर कहा कि बाबा रामदेव ने कुछ टैबलेट्स बनाई हैं. इनके परीक्षण की प्रक्रिया चल रही है.
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इससे पहले मुख्यमंत्री ने 4 मई से प्रदेश के ग्रीन जोन्स को पूरी तरह से खोल देने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 4 मई से प्रदेश के नागरिक चार धाम की यात्रा कर सकेंगे. प्रदेश की सीमाएं सील रखी जाएंगी. अंतरराज्यीय कनेक्टिविटी को अभी शुरू नहीं किया जाएगा.