मोदी सरकार 2.0 के एक साल पूरा होने के मौके पर आजतक पर ई-एजेंडा का आयोजन हुआ, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने शिरकत की. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर एक तरफ जहां दिग्गज मंत्रियों ने कामकाज का लेखा-जोखा रखा तो देश के गृह मंत्री अमित शाह ने भी खास बातचीत की.
अमित शाह ने इस दौरान पश्चिम बंगाल और केरल के राजनीतिक हालात को लेकर भी चर्चा की. अमित शाह ने बातचीत के दौरान कहा कि केरल और बंगाल दोनों ही राज्यों में राजनीति के अंदर हिंसा शिष्टाचार बन चुकी है. मुझे लगता है कि देश की राजनीति और देश के लोकतंत्र के लिए यह परिस्थिति ठीक नहीं है. मुझे लगता है कि यह परिस्थिति बदलनी चाहिए. जो पार्टियां हिंसा का समर्थन करती हैं. उनको लोकतंत्र में सत्ता से बाहर होना चाहिए, और बंगाल की जनता इस बार ऐसा ही निर्णय करेगी.
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जब अमित शाह से यह पूछा गया कि आप यह कहना चाहते हैं कि ममता बनर्जी हिंसा का समर्थन करती हैं तो उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा नहीं कहा, मैंने ममता जी का नाम भी नहीं लिया. लेकिन बंगाल के अंदर राजनीतिक हिंसा है इस बात से न आप इनकार कर सकती हैं न ही मैं कर सकता हूं और न ही बंगाल कर सकता है.
अमित शाह ने कहा कि इसलिए जो पार्टियां राजनीतिक हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं जिनको बंगाल संभालना था. पहले 27 साल कम्युनिस्टों ने संभाला फिर पिछले 10 साल से ममता जी संभाल रही हैं. लेकिन हिंसा नहीं संभली, यह बढ़ती ही गई. और बंगाल भी पिछड़ता गया. अब मुझे लगता है कि बंगाल में परिवर्तन का समय आ गया है.
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बंगाल जीतने की प्रबल इच्छा के पीछे की वजह बताते हुए अमित शाह ने कहा कि बंगाल एक सरहदी राज्य है. जिस तरह से वहां पर परिस्थिति बनी है मुझे लगता है कि वहां पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनना निश्चित है. यह बंगाल की जनता तय कर चुकी है. 2019 के चुनावों में इस बात का संकेत बंगाल की जनता दे भी चुकी है. बंगाल की रणनीति पर आगे बात करते हुए शाह ने कहा कि रणनीति तो अध्यक्ष जी तय करेंगे लेकिन यह जरूर कहूंगा कि हम एक होकर लड़ेंगे.