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बढ़ते प्रदूषण को देख एक बच्चे की अपील- हमें सांस लेने दो

बढ़ते प्रदूषण को देख एक बच्चे की अपील- हमें सांस लेने दो

मैं खुली सांस लेना चाहता हूं पर ले नहीं सकता. मैं खेलना चाहता हूं पर खेल नहीं सकता. मैं जहां भी जाता हूं हवा को गंदा पाता हूं. मैं ठीक से देख नहीं सकता. सांस नहीं ले सकता. बाहर खेल नहीं सकता. मैं जल्दी बीमार पड़ जाता हूं. मेरे सारे दोस्त बीमार हैं. हम खांसते हैं, रोते हैं क्योंकि हमारा दम घुटता है. ये हर दिन की कहानी है. आज का हाल और भी बुरा है. कल का मुझे मालूम नहीं. प्लीज हमें सांस लेने दो. सुनें इस बच्चे की अपील.

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