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फिल्मों-किताबों के बैन पर बोले राइटर चेतन भगत- क्रिटिसाइज करिए मगर रोक लगाना सही नहीं

इंडिया टुडे माइंड रॉक्स का आगाज हो चुका है. बेंगलुरू में हो रहे इस बड़े इवेंट में आज, 14 सितंबर के दिन कई बड़े सितारे शिरकत करने वाले हैं. इवेंट के पहले मेहमान चेतन भगत रहे. उनके सेशन का नाम फिक्शन एज सोशल कमेंट्री इन मॉडर्न इंडिया था. इस सेशन में उन्होंने मॉडरेटर राजदीप सरदेसाई से बात की. 

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चेतन भगत
चेतन भगत

इंडिया टुडे माइंड रॉक्स का आगाज हो चुका है. बेंगलुरू में हो रहे इस बड़े इवेंट में आज, 14 सितंबर के दिन कई बड़े सितारे शिरकत करने वाले हैं. इवेंट के पहले मेहमान चेतन भगत रहे. उनके सेशन का नाम फिक्शन एज सोशल कमेंट्री इन मॉडर्न इंडिया था. इस सेशन में उन्होंने मॉडरेटर राजदीप सरदेसाई से बात की. भारत के सबसे फेमस और सफल लेखकों में से एक चेतन ने अपने करियर और किताबों के बारे में 'इंडिया टुडे माइंड रॉक्स यूथ समिट 2024' में बातचीत की. आइए बताएं उन्होंने क्या कहा.

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फिल्मों-किताबों के बैन पर बोले चेतन

आगे चेतन ने फिल्म '3 इडियट्स' के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि अगर आपने ये फिल्म नहीं देखी है तो आपको आधार कार्ड नहीं मिल सकता. इसके लिए फिल्म को देखना जरूरी है. चेतन से पूछा गया कि जब उन्होंने किताब '5 पॉइंट सम्वन' को लिखा, जिससे '3 इडियट्स' प्रेरित है, तो क्या वो सही में आईआईटी का सच दुनिया के सामने रख रहे थे. और जब उन्होंने आमिर खान को फिल्म में देखा तो क्या उन्हें ऐसा लग रहा था कि वो खुद को पर्दे पर देख रहे हैं. इसपर लेखक ने कहा कि हां, लेकिन मैंने कैंपस में जूबी डूबी नहीं किया था. लेकिन हां, ये स्टोरी मेरे दोस्तों की कहानी थी. मैं कहूंगा कि ये मेरी सबसे प्योर किताब है, क्योंकि तब कोई मुझे नहीं जनता था. मैं पॉपुलर नहीं था. मैं तब बेस्ट बिकने वाली किताबें लिखने की कोशिश नहीं कर रहा था. मैं बस अपने कॉलेज की स्टोरी लिख रहा था. मैंने नहीं सोचा था कि इसे इतना पसंद किया जाएगा. मैं 10 से ज्यादा किताबें लिखी हैं लेकिन दो बेस्ट किताबें वही हैं जो मेरी जिंदगी से की कहानी से आई हैं. वो हैं 5 पॉइंट सम्वन और 2 स्टेट्स. ये दोनों मेरी जिंदगी पर आधारित हैं और इसकी वजह से ये मुझे सबसे सही तरीके से रिप्रेजेंट करती हैं. वही मेरे लिए काम कर गया है. 

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क्या आपको लगता है कि जितना आप लोगों के इश्यू के बारे में लिखते हैं, उतना ही लोग भी उस किताब से जुड़ते हैं. क्या ये भी जरूरी है. इसके जवाब में चेतन भगत ने कहा कि हां, ये जरूरी है. नोटिस कीजिए कि जो भी किताब या फिल्म फेमस हुई है वो समाज में होने वाली किसी न किसी चीज को क्रिएटिव तरीके से रिप्रेजेंट करती है. मैं ऐसे में एक बात कहना चाहता हूं. ये मेरी किताबों के साथ नहीं हुआ है. लेकिन कभी कभी लोग इतने अप्सेट लोग जाते हैं सिर्फ एक मूवी को लेकर कि ये लोग ऐसे ये कैसे दिखा सकते हैं. ये क्रिएटर ऐसे कैसे दिखा सकता है. कैसे ये IC 814 वालों ने दिखा दिया. वो ये दिखा सकते हैं क्योंकि कोई क्रिएटर इसे बना रहा है और वो अपनी बायस इसमें डाल सकता है. ये न करना नामुमकिन है. लेकिन ऐसे ही आर्ट बनाता है. सच्चा आर्ट लोगों को ऑफेंड कर सकता है. जब मैंने आईआईटी के बारे में वो किताब लिखी थी तो उसमें बताया गया था कि कैसे वहां के प्रोफेशर खराब होते हैं. तो जाहिर है वो इसे लेकर नाराज थे.

चेतन ने आगे कहा कि लेकिन अगर आप क्रिएटर्स पर मॉब अटैक करेंगे कि ये कैसे इसने बनाया, हिम्मत कैसे हुई दिखाने की तो आप आर्टिस्ट का सेल्फ एक्सप्रेशन खत्म कर रहे हो और उसके साथ साथ अपना भी सेल्फ एक्सप्रेशन खत्म कर रहे हो. आप ये कह रहे हो कि हम ऐसे समाज में रहना चाहते हैं जहां कोई इन चार्ज है और हम बंदी हैं. तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई लाइन से बाहर निकलने की, अलग सोच रखने की, ये करने की. तो अगर वैसा समाज बनना चाहते हैं तो अभी फैसला कर रहे हैं. इंडिया बहुत अच्छा स्लेव दुनिया में हो सकता है. हम 1000 सालों तक स्लेव रहे हैं. लेकिन अगर चाहते हैं कि आपको महान आर्ट मिले, तो ये आपको कभी कभी नाराज भी कर सकता है. आप इसकी आलोचना कर सकते हैं. आप कह सकते हैं कि ये बेवकूफी भरा है, कचरा है, ठरक भरा है. आप ये भी कह सकते हैं कि ये सबसे घटिया फिल्म है. इस बंदे ने झूठ दिखाया गया है. ये ठीक है. लेकिन जिस वक्त आप कहते हैं इसे बैन करो, बंदे को जेल में डालो. ये कॉमेडियन्स के साथ हुआ है. हर तरह के आर्टिस्ट के साथ हुआ है. मैंने भी ऑफेंसिव आर्टिस्ट अपने देश में देखे हैं लेकिन मैं कहता हूं कि उन्हें वैसा ही रहने दीजिए. उनकी अभिव्यक्ति की आजादी, आपकी अभिव्यक्ति की आजादी है. अगर आप किसी की अभिव्यक्ति की आजादी को काटेंगे क्योंकि ये आपको अप्सेट कर रही है, तो कल आपकी अभिव्यक्ति की आजादी ले ली जाएगी और आपके पास कोई लोकतंत्र नहीं बचेगा. 

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क्या है चेतन की हिट किताबों का फॉर्मूला?

चेतन भगत से पूछा गया कि आपकी किताबें समाज में बदलाव का सिंबल बन गई हैं. चेतन भगत का क्या फॉर्मूला हैं एक बेस्टसेलर और ब्लॉकबस्टर किताब को लिखने का? चेतन ने कहा कि मुझे आपको मारना पड़ेगा अगर मैंने ये बात आपको बताई, लेकिन फिर भी मैं बताता हूं. असल में मैं काफी वक्त से यहां हूं. 20 साल हो गए हैं मेरी पहली किताब को निकले. मैंने भी इस बारे में सोचा है कि आखिर क्या है वो चीज जो काम कर जाती है. काश मुझे पता होता. क्योंकि मैंने चैटजीपीटी का इस्तेमाल किया है. इससे कुछ नहीं होता.

उन्होंने आगे कहा कि लेकिन बेस्ट कारण अभी तक जो मुझे पता चला है वो ये है कि, रिक रुबिन्स नाम के बड़े म्यूजिक प्रोड्यूसर हैं उन्होंने कहा है कि जब भी आप कुछ बनाते हैं, अपने लिए उसे बनाएं, भले ही उसे कोई पढ़ न रहा हो. अपने लिए चीजों को क्रिएट करें तो ये आपके अंदर से किसी न किसी तरह के एक्सप्रेशन की तरह आएगा. और वही वो चीज है जो काम कर सकती है. आप जितना ज्यादा सोचेंगे कि ये किताब मार्केट में चलेगी, ये प्रोग्राम टीवी पर छा जाएगा, वही कभी काम नहीं करता. मेरी जो किताबें चली हैं वो वही थीं जो मैंने मेरे बारे में लिखी थीं.

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चेतन ने बताया कि अब ये मुश्किल हो रहा है, क्योंकि मैं 20 सालों से यहां हूं. पॉजिटिव और निगेटिव हर तरह का फीडबैक आपके दिमाग पर असर डालता है. जिस पल आप इस बात की परवाह करने लगते हैं कि किताब कितनी अच्छी चल रही है, कितनी बुरी चल रही है, लोग कितनी आपकी तारीफ कर रहे हैं, कितनी आपकी आलोचना हो रही है. यहीं फॉर्मूला बिखर जाता है. फॉर्मूला ये है कि ये चीज आपके अंदर से आनी चाहिए. मुझे लगता है किसी भी तरह के आर्ट के लिए यही सीक्रेट है. 

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