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MP में महागठबंधन बना तो सपा उसका हिस्सा होगी- अखिलेश

सपा अध्यक्ष ने कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कोई महागठबंधन बनता है तो समाजवादी पार्टी उसका हिस्सा जरूर होगी.  अखिलेश यादव ने कैराना-फूलपुर चुनाव में महागठबंधन पर विस्तार से अपनी राय रखी.

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अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

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दिल्ली में शनिवार को आयोजित इंडिया टुडे के माइंड रॉक्स इवेंट में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि आने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अगर कोई विपक्षी गठबंधन बनता है, तो समाजवादी पार्टी उसका हिस्सा होगी.

माइंड रॉक्स प्रोग्राम के दौरान मंच पर आसीन सपा अध्यक्ष ने कई मुद्दों पर बात की. पिछले चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर भी चर्चा हुई. मध्य प्रदेश में क्या कोई महागठबंधन बनेगा? टीवी टुडे नेटवर्क के न्यूज डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद ने यही सवाल सपा अध्यक्ष से पूछा. इसके जवाब में अखिलेश ने कहा कि मध्य प्रदेश में अगर विपक्षी गठबंधन बनता है, तो सपा उसका हिस्सा जरूर होगी.

देश में उज्ज्वला योजना की काफी चर्चा है. अखिलेश से इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई. इस योजना के बारे में अखिलेश ने कहा, भारत सरकार की ही रिपोर्ट में कहा गया है कि उज्ज्वला योजना में जिन लोगों को रसोई गैस का सिलेंडर मिला उनमें से 80 फीसदी लोगों ने सिलेंडर नहीं भरवाया है. सिलेंडर इतने महंगे हो गए हैं कि वे परिवार इसे दोबारा नहीं भरवा सके हैं. परिवार में झगड़े के सवाल पर कहा कि जिन लोगों के परिवार नहीं हैं, वो क्या झगड़ा करेंगे?

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अखिलेश यादव ने कैराना-फूलपुर चुनाव में महागठबंधन पर विस्तार से अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि यूपी में जब से गठबंधन हुआ है तो सब हमें याद कर रहे हैं, ये तो अच्छा है. समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल को भी उन्होंने प्रचारित किया और कहा कि सइकिल आजकल फैमिली साइकल बन गई है. पूरा परिवार एकसाथ बैठकर जा सकता है. अब नए जमाने की साइकिल आ गई है.

अखिलेश यादव का साइकिल के नाते इशारा महागठबंधन की ओर था. गौरतलब है कि यूपी में फूलपुर-कैराना उपचुनाव में बीजेपी की करारी हार हुई थी. इसके लिए बीजेपी के खिलाफ समग्र विपक्ष का एकजुट होकर महागठबंधन बनाने का फैसला निर्णायक साबित हुआ था. 

यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव में सपा की हार हुई थी. उस चुनाव में कांग्रेस और सपा का गठबंधन था. गठबंधन के लिए राहुल गांधी और अखिलेश यादव दोनों ने गंभीरता से कदम बढ़ाए थे. हालांकि दोनों पार्टियों को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा.   

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