पंचायत आज तक के सेशन 'जो जीता वही सिकंदर' में टक्कर हुई दो दिग्गज नेताओं बीजेपी के महासचिव अमित शाह और कांग्रेस नेता व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के बीच. दोनों के बीच 84 और 2002 के दंगों को लेकर जमकर बहस हुई.
सेशन से ठीक पहले दोनों बैठे तो एक साथ थे लेकिन जरा इन दोनों की सीटिंग पोजिशन तो देखिए...
अमित शाह ने कहा कि अगर कांग्रेस ध्रुवीकरण करेगी तो भी चुनाव हारेगी. उन्होंने कहा कि मोदी 8 मुस्लिम राहत शिविर और 7 हिंदू शिविर में गए थे. अमित शाह ने कहा कि यह चुनाव केंद्र का है गुजरात का नहीं. जयराम रमेश ने कहा कि गुजरात में विकास हुआ है पर कई कमियां भी हैं. लिंग अनुपात के मामले में गजरात हरियाणा के बराबर आ गया है.
अमित शाह से पूछा गया कि स्नूपगेट में जो टेपरेकॉर्डर सामने आए. उसमें आवाज किसकी है? जवाब में उन्होंने कहा कि जूडिशल कमीशन जब मुझे बुलाएगा और मैं जाऊंगा और अपनी बात रखूंगा. कमीशन की मर्यादा है, इसलिए बाहर कुछ नहीं कहूंगा.
जयराम रमेश ने कहा कि राहुल गांधी राजनीति के मैराथन मैन हैं. वह 100 मीटर दौड़ने नहीं आए. हम अभी 2014 का चुनाव लड़ रहे हैं. संगठन में बदलाव की वह जो बात कर रहे हैं. वह सिर्फ इस चुनाव के नजरिए से मत देखिए. आगे तक का प्लान है.
जयराम से सवाल किया गया कि 2002 पर आप आग बबूला हो जाते हैं. मगर 84 के दंगों पर बताइए किसको सजा मिली? उन्होंने कहा कि 84 के दंगों का कोई समर्थन नहीं कर सकता. नरसंहार था. इंदिरा जी को कहा गया था, आप अपने सुरक्षा बल बदलिए. उन्होंने नहीं बदले. 2002 के दंगों का विचारधारा एक द्वेष का विचारधारा था. अमित शाह ने कहा कि खुद राजीव गांधी ने कहा था कि बड़ा पेड़ गिरता है. तब धरती मिल रही है. बड़ा पेड़ मतलब इंदिरा जी. और धरती मतलब सिख.