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पंचायत आजतक 2014

'महंगाई डायन वोट खाय जात है' में छिड़ी गरमा-गरम बहस

'महंगाई डायन वोट खाय जात है' में छिड़ी गरमा-गरम बहस
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पंचायत आज तक के सेशन 3 में महंगाई के मुद्दे पर बहस हुई. इस सेशन का विषय था, 'महंगाई डायन वोट खाय जात है'. इस सेशन में राजस्‍थान कांग्रेस के अध्‍यक्ष सचिन पायलट, बीजेपी उपाध्‍यक्ष स्‍मृति ईरानी और एनसीपी नेता तारिक अनवर के बीच बहस हुई.
'महंगाई डायन वोट खाय जात है' में छिड़ी गरमा-गरम बहस
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पहला सवाल पायलट से किया गया. उनसे पूछा गया, 'पीएम कहते हैं कि महंगाई से फायदा हुआ है. लोगों की कमाई बढ़ी है. तो क्या कहीं कोई दिक्कत नहीं है?' इस पर पायलट ने जवाब दिया, 'मैं नहीं समझता पीएम ने ऐसा कहा. इस देश में महंगाई बढ़ी है. ये हकीकत है. ये भी सच है कि पिछले आठ दस साल में इनकम में भी इजाफा हुआ है. 2002-03 में 37 फीसदी गरीबी थी, अब काफी घट गई है. कोई भी सरकार महंगाई नहीं चाहती. अगर आपको लगता है कि कोई सरकार मजा लेने के लिए कीमत बढ़ाती है कि गरीब का जीना दूभर हो जाए, तो ये धारणा गलत है.'
'महंगाई डायन वोट खाय जात है' में छिड़ी गरमा-गरम बहस
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फिर तारिक अनवर से सवाल किया गया, 'शरद पवार 10 साल से कृषि मंत्री हैं. कभी कहते हैं महंगाई से किसानों को फायदा हो रहा. कभी कहते हैं कि मैं भविष्यवाणी नहीं कर सकता.'
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इस पर एनसीपी नेता ने कहा, 'महंगाई के मूलभूत कारण देखने होंगे. कभी पैदावार कम होती है. कभी डिमांड बढ़ जाती है. बहुत सारी चीजें हैं. जहां तक कृषि विभाग का सवाल है. अगर आप 10 साल का प्रदर्शन देखेंगे तो हमारे यहां उत्पादन में कोई कमी नहीं हुई है. मसला, डिस्ट्रीब्यूशन का है. उसमें कमी है. एक्ट में कमी है. उसे ठीक करने के लिए भारत सरकार ने नया मॉडल एक्ट बनाया है. इसे सभी राज्य सरकारों को भेजा गया है, ताकि सुधार लाया जा सके. अगर प्याज की बात करें. तो ये कहीं ज्यादा पैदावार हो रही है. मगर 100 फीसदी कीमत बढ़ गई. हम लोगों ने चाहे हमारी पार्टी के हों. या दूसरी पार्टी के हमेशा कार्रवाई करने को कहा.'
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बीजेपी नेता ईरानी से सवाल किया गया कि मोदी अगर पीएम बनते हैं तो महंगाई से कैसे निपटेंगे? बीजेपी नेता ने अपना जवाब देते हुए पंचायत आज तक के इस सेशन के टॉपिक पर सवाल किया. उन्‍होंने कहा, 'आप इस शीर्षक को बदलें. डायन शब्द का इस्तेमाल कर महिलाओं को बहुत प्रताड़ित किया है. महंगाई वोट खाए न खाए, मगर लोगों को जरूर खाती है.'
'महंगाई डायन वोट खाय जात है' में छिड़ी गरमा-गरम बहस
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सचिन पायलट ने कहा, अगर आय का बड़ा हिस्सा किसान के पास जाए तो कोई दिक्कत नहीं. और इसे सुधारने का काम सिर्फ केंद्र सरकार नहीं कर सकती. आज से 10 साल पहले फोन कॉल के रेट क्या थे. कितने लोग फ्लाइट में ट्रैवल करते थे. मुझे लगता है कि दस साल में तरक्की हुई है. उसके साथ साथ महंगाई बढ़ी है, जो ज्यादा नजर आती है.'
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इसके बाद ईरानी ने तारिक अनवर पर निशाना साधा. उन्‍होंने कहा, 'तारिक भाई डिस्ट्रीब्यूशन की बात कर रहे हैं. लेकिन केंद्र में 10 साल से आपकी सरकार है. आपकी रिपोर्ट के मुताबिक वेयर हाउस घट गए हैं. उत्पादन बढ़ रहा है तो ये सब घाटे में क्यों चल रहे हैं. आपके दावों और नीयत में एकरूपता नहीं है. दो दिन पहले गुजरात के सांसदों के साथ मैं वित्त मंत्रालय गई थी. हमारे यहां जितने भी सुगर कोऑपरेटिव सोसाइटी हैं, उन्हें नोटिस भेजा कि आपने किसानों को ज्यादा पैसा क्यों दिया. फूड प्रोसेसिंग सिर्फ 40 फीसदी स्टोर हो पाता है. 60 फीसदी जाया होता है. सरकार के अपने आंकड़े हैं. हमने उतना खाना वेस्ट किया, जिसमें 6 करोड़ देशवासी खाना खा सकते थे.'
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सचिन पायलट ने तारिक अनवर का समर्थन करते हुए कहा, 'हम कैबिनेट में पीएम से आग्रह करते हैं कि किसान की पैदावार पर सपोर्ट प्राइस बढ़ाया जाए. इसका फर्क ये होता है कि बाजार में जो सामान आएगा, वो महंगा होगा. मगर इस बात से सहमत नहीं हूं कि किसान को जितना फायदा हो रहा है, उतने से काफी ज्यादा उपभोक्ता की जेब पर भार आ रहा है. बीच में गड़बड़ है.
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आज तक के मैनेजिंग एडिटर रिफत जावेद ने सचिन पायलट से सवाल पूछा कि आप संसद में नेताओं को लड़ने के पीछे पत्रकारों को जिम्मेदार ठहराते हैं. लेकिन संसद में जो मिर्ची का पाउडर आपके ही सांसदों ने किया वो किसने किया? इस पर सचिन पायलट ने कहा कि संसद में जो हुआ वो काफी निंदनीय है. जो मीडिया रात 9 बजे चाबी भरती है वो सुबह संसद में निकलता है.
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एनसीपी नेता ने कहा पिछले साल हमने डेढ़ लाख करोड़ का एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट किया है. हमारी सरकार ने मिनिमम सपोर्ट प्राइज बढ़ाया. किसान उत्साहित हुए.
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