अमिताभ बच्चन ने अपने बाबू जी की कविता मधुशाला की लाइनें ‘मेरे शव के पीछे चलने वालो, याद इसे रखना राम नाम है सत्य ना कहना, कहना सच्ची है मधुशाला’ गुनगुनाई तो हॉल तालियों से गूंज उठा.