'मंथन आजतक' के सत्र 'रेलवे के अच्छे दिन?' में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हिस्सा लिया. रेल मंत्री ने बताया कि उनका पूरा ध्यान रेलवे की सुरक्षा, सफाई, सुविधा, क्षमता और आत्मनिर्भता पर है. बुलेट ट्रेन में अभी वक्त लगेगा. लेकिन उससे पहले हम मौजूदा ट्रेनों की रफ्तार बढाई जाएगी.
उन्होंने कहा कि हम एक नई नीति ला रहे हैं, जिसके तहत कोई भी स्टेशन डवलप कर सकता है. इसके लिए टेंडर जारी करके बाकायदा बोली लगाई जाएगी. रेलवे स्टेशन पर एयरपोर्ट की तरह आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी.
इस बजट सत्र में नई ट्रेनों की घोषणा नहीं करने के सवाल पर सुरेश प्रभु ने कहा कि पहले से ही रेलवे ट्रैक पर बोझ ज्यादा है. यूपी-बिहार जैसे आबादी वाले राज्यों से आने वाले रेलवे रूट पर क्षमता से दोगुनी ट्रेनें चल रही है. हमारा पूरा फोकस रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर है.
मंत्री ने कहा, 'हम चाहते हैं कि नई ट्रेनों की घोषणा होने की बजाए, चलाई जाएं.'
बुलेट ट्रेन चलाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम अभी फिजीबिलिटी स्टडी कर रहे हैं. बुलेट ट्रेन चलाना इतना आसान नहीं है. चीन और जापान ने भी काफी स्टडी करने के बाद ही बुलेट ट्रेन चलाया था. उसके लिए अलग इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होगी. फिलहाल मौजूदा ट्रेनों की रफ्तार बढाई जाएगी.
रेलवे की आमदनी कैसे बढे? इस पर सुरेश प्रभु को लालू यादव का सुझाव भी मिला. लालू ने कहा कि रेलवे कमाऊ घोड़ा है. 80 फीसदी व्यापारी सड़क से अपना माल भेज रहे हैं. जबकि वे चाहते हैं कि रेलवे से उनका माल जाए. ऐसे व्यापारियों को रेलवे में शिफ्ट करने की जरूरत है. माल गाड़ियों की रफ्तार बढ़ाने की जरूरत है.