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'चीन टूट सकता है, मगर भारत नहीं'

'चीन टूट सकता है, मगर भारत नहीं'
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लेखक मैल्कॉम ग्लैडवेल इंडिया टुडे कॉनक्लेव में सेशन 'ब्रेकथ्रो की-नोट- डेमोक्रेसी एट टिपिंग प्वाइंट' में मौजूद रहे और उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातें कहीं.
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सेशन 'ब्रेकथ्रो की-नोट- डेमोक्रेसी एट टिपिंग प्वाइंट' में यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चीफ नंदन निलेकनी अपनी बात रखते हुए.
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लेखक मैल्कॉम ग्लैडवेल ने कहा कि चीन टूट सकता है मगर भारत नहीं.
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उन्होंने कहा कि आज समाज में अशांति और आंदोलन दोनों के पास ही कोई साफ देखा जा सकने वाला लीडर नहीं, क्योंकि वे नेटवर्क मॉडल पर चल रहे हैं.
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मैल्कॉम ग्लैडवेल ने कहा कि 60 के दशक में सुप्रीम लीडर थे. उन्होंने महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग के उदाहरण दिए.
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ग्लैडवेल ने अपनी बात में यह भी जोड़ा कि नेटवर्क मॉडल के चलते न तो पहले जैसे लीडर हैं और न ही साफ लक्ष्य.
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लेखक मैल्कॉम ग्लैडवेल ने कहा कि चीन का समाज कल ध्वस्त हो सकता है, क्योंकि वहां डिस्कशन नहीं है, मगर भारत का समाज नहीं.
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