जाने माने लेखक अमीष त्रिपाठी ने इंडिया टुडे कॉनक्लेव के दूसरे दिन शिरकत की.
ऑथर अमीष त्रिपाठी ने 'ब्राइट यंग थिंग: फिक्शन- डिड शिवा लाइव?' विषय पर अपनी बात रखी.
भगवान शिव के बारे में अमीष त्रिपाठी ने कहा कि शिव एक बहुत ही शांत भगवान हैं.
अमीष त्रिपाठी ने इस बात पर जोर दिया कि भगवान और सभी मनुष्य एक ही हैं.
अमीष ने कहा कि शिव या कृष्ण या अल्लाह या राम या जीसस या बुद्ध, सभी मनुष्यों के भीतर ही वास करते हैं.
त्रिपाठी ने बताया कि धर्म बेहतरीन और लाभदायक है. लेकिन कुछ कुछ लोगों ने धर्म का गलत इस्तेमाल भी किया है.
अमीष त्रिपाठी ने कहा कि भगवान सिर्फ एक है. भगवान अलग-अलग नहीं हैं और न ही एक दूसरे से ऊपर या नीचे हैं.
त्रिपाठी ने यह भी कहा कि भगवान एक है और वह लोगों तक अलग-अलग स्वरूपों में आता है.
लेखक अमीष त्रिपाठी ने बताया कि धर्म को समाज और मानव के अच्छे के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है और कैसे किया जा सकता है.
शिव के बारे में बताते हुए अमीष त्रिपाठी ने शिव एक लोकतांत्रिक भगवान बताया.
त्रिपाठी ने कहा कि शिव ने अपनी पत्नी के लिए अच्छा व्यवहार किया. उन्होंने अपनी पत्नी का सम्मान किया, उनके लिए नाचे और गाए भी.
अमीष त्रिपाठी ने समाज में महिलाओं को सबसे अधिक शोषित बताया.
अमीष त्रिपाठी ने कहा कि हम अपने प्राचीन ग्रंथों से यह जान सकते हैं कि एक महिला के साथ कैसा व्यवहार किया जाना चाहिए.
अपने भाषण के अंत में अमीष त्रिपाठी ने कहा कि देश का युवा अच्छाई की तरफ लौट रहा है.