इंडिया टुडे कॉनक्लेव 2013 के पहले दिन Bright Young Thing: Law, Milord, is the Law Guilty too? सत्र के दौरान अपने विचार रखते युवा वकील अखिल सिब्बल.
अखिल सिब्बल ने कहा कानून बनाने में कोई समस्या नहीं है और ना ही कानून को दोबारा बनाना किसी मसले का हल है.
अखिल सिब्बल ने कहा, इंटरनेट पर कुछ बोलना किसी खास श्रेणी में नहीं आता और ऐसा कोई कारण नहीं है कि इसे ज्यादा सुरक्षा दी जाए. क्योंकि किसी अन्य मामले में भी वही कानून लागू होता है.
अखिल सिब्बल ने कहा, 'न्यायपालिका में वित्तीय भ्रष्टाचार एक भयानक धब्बा है, लेकिन असली मुद्दा बौद्धिक भ्रष्टाचार, मामलों की सुनवाई के बारे में ईमानदारी की कमी और सुनवाई में देरी है.'