इंडिया टुडे कॉनक्लेव 2013 में संगीत कंपोजर और सिंगर बॉम्बे जयश्री ने विषय 'Bright Young Thing: Music, Is Fusion the only Way to Take Indian Music Global?' को संबोधित करते हुए कहा कि 'संगीत का संगम' ही संगीत की अलग-अलग विधाओं को परिभाषित करने के लिए सबसे उपयुक्त तरीका है.
जयश्री ने इस बात पर जोर देते हए कहा कि संगीत में केवल प्रयोग करने के लिए ही प्रयोग नहीं करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि जब भी दो संस्कृति मिलती है या इसका मिश्रण होता है दोनों की खासियत अलग दिखती रहनी चाहिए, यही कला है.
उन्होंने कहा कि जब तक हम अपने आधार को नहीं समझेंगे तब तक हम नई संस्कृति का लुप्फ और प्रशंसा नहीं कर पाएंगे. और इसके बाद ही हम कुछ नई रचना गढ़ पाएंगे.
भारतीय परंपरा को तवज्जो देते हुए जयश्री ने कहा कि हमें अपनी परंपरा की जड़ को पकड़ कर रखना चाहिए.