ऑनलाइन रिटेल इंडस्ट्री ने साल 2014 में 1 हजार अरब रुपए का कारोबार किया. हालांकि, इस साल देश में कुल 38 हजार अरब रुपये का खुदरा कारोबार हुआ, जिसकी तुलना में 1 हजार अरब कुछ भी नहीं, लेकिन फिर भी ऑनलाइन रिटेल ने मार्केट में हलचल मचाए रखी. कभी विलय, अधिग्रहण तो कभी फ्यूचर मार्केट स्पेस को लेकर ऑनलाइन रिटेल चर्चा का विषय बना रहा.
अनिल अंबानी के रिलायंस समूह ने Yatra.com में अपनी 16 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी और 2006 में किए गए निवेश की रकम को 12 गुना बढ़ा लिया. इसके साथ ही पोर्टल का बाजार मूल्य 50 करोड़ डॉलर हो गया.
2014 में ऑनलाइन रिटेल कंपनी 'फ्लिपकार्ट' ने तो 70 करोड़ डॉलर का कारोबार किया, जबकि इससे पहले भी कंपनी ने जुलाई में एक अरब डॉलर का बिजनेस किया था. इससे रातों-रात कंपनी का बाजार मूल्य 6 अरब डॉलर हो गया. 'फ्लिपकार्ट' ने एक अन्य ई-रिटेल कंपनी Myntra का भी विलय कर लिया.
अक्टूबर में जापान की कंपनी 'सॉफ्टबैंक' ने ई-रिटेल कंपनी 'स्नैपडील' में 62.7 करोड़ डॉलर निवेश किया. 'सॉफ्टबैंक' ने देश के 19 शहरों में ऑनलाइन कैब सर्विस प्रोवाइड कराने वाली कंपनी 'ओला' में भी 21 करोड़ डॉलर निवेश करने का फैसला किया. अमेरिकी ऑनलाइन रिटेल कंपनी Amazon ने भी पीछे न रहते हुए भारतीय ई-रिटेल मार्केट में दो अरब डॉलर निवेश करने की घोषणा की.
भारत में केपीएमजी से जुड़े अश्विन वेलोडी ऑनलाइन रिटेल मार्केट के लिहाज से 2014 को बेहद अहम मानते हैं. उन्होंने कहा, 'अच्छी बात यह हुई कि आखिरी जीत ग्राहकों की हो रही है. हर ओर से दबाव है, जिसका लाभ ग्राहकों को मिल रहा है.'
तेजी से बढ़ रहा ई-कॉमर्स
भारत में फिलहाल 16 अरब डॉलर का ई-कॉमर्स मार्केट है, जो कि सालाना 30-40 फीसदी की दर से विस्तार कर रहा है. अनुमान है कि अगले पांच साल में यह 100 अरब डॉलर का हो जाएगा. कॉमर्स मिनिस्ट्री के अंतर्गत आने वाले 'इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन' (आईबीईएफ) के आंकड़ों की मानें तो देश में इस समय करीब 10 लाख ऑनलाइन रिटेल कंपनियां काम कर रही हैं.
'बिग बिलियन डे' सेल
'फ्लिपकार्ट' ने 6 अक्टूबर को 'बिग बिलियन डे' सेल लगाई थी, जिसकी वजह से उसे शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी, लेकिन यह घटना ऑनलाइन रिटेल मार्केट में संभावनाएं देखने वालों को सुखद एहसास दे गई. वेबसाइट पर सेल शुरू होते ही इतने कस्टमर्स आए कि वह क्रैश हो गई. कंपनी ने वेबसाइट क्रैश होने से पहले कुछ मिनटों में करोड़ों का कारोबार किया था. ऐसी सेल देखकर पारंपरिक रिटेलर हैरान रह गए थे. नौबत यहां तक आ गई कि खुदरा व्यापारियों के संगठन 'कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स' ने सरकार से ई-रिटेल के लिए कड़े नियम बनाने की मांग कर डाली.