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अब भी अपने पहले पदक का इंतजार है 80 देशों को

मोनाको अब तक 18 बार और म्यामां ने 15 ओलंपिक में भाग ले चुका है लेकिन ये दोनों लंदन ओलंपिक में भाग ले रहे उन 80 देशों में शामिल हैं जिन्हें इस खेल महाकुंभ में अब भी अपने पहले पदक का इंतजार है.

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लंदन ओलंपिक 2012
लंदन ओलंपिक 2012

मोनाको अब तक 18 बार और म्यामां ने 15 ओलंपिक में भाग ले चुका है लेकिन ये दोनों लंदन ओलंपिक में भाग ले रहे उन 80 देशों में शामिल हैं जिन्हें इस खेल महाकुंभ में अब भी अपने पहले पदक का इंतजार है.

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लंदन ओलंपिक में कुल 205 देश भाग लेंगे. इनमें से अधिकतर देशों ने कभी ने कभी अपने नाम पर पदक लिखवाए हैं लेकिन कई ऐसे देश हैं जिन्हें आज तक एक कांस्य पदक भी नसीब नहीं हुआ है. इनमें 16 ऐसे देश शामिल हैं जिन्होंने दस या इससे अधिक ओलंपिक खेलों में भाग लेने के बावजूद कभी पदक नहीं जीता. फ्रांस से तीन तरफ से घिरा छोटा सा देश मोनाको 18 बार ओलंपिक में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है लेकिन उसके खिलाड़ी कभी पोडियम तक नहीं पहुंचे.

म्यांमा और लिचेन्टसीन 15 बार, माल्टा 14 बार तथा बोलिविया, फिजी, ग्वाटेमाला और सैन मैरीनो 12-12 बार ओलंपिक में भाग लेने के बावजूद कभी पदक नहीं जीत पाये.

लिचेन्टसीन ने हालांकि शीतकालीन ओलंपिक में एक पदक हासिल किया है. भारत की बात करें तो उसने अब तक 22 ओलंपिक में शिरकत की है और उसने नौ स्वर्ण सहित 20 पदक जीते हैं लेकिन उसके पड़ोसी नेपाल (11 बार) तथा भूटान और बांग्लादेश (सात-सात बार) को अभी अपने पहले पदक का इंतजार है. पाकिस्तान के नाम पर 15 ओलंपिक में दस पदक दर्ज हैं जबकि श्रीलंका ने आठ ओलंपिक में दो रजत पदक हासिल किये हैं.

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अमेरिका और सोवियत संघ के बीच लंबे समय तक सिफ शीत युद्ध ही नहीं चला बल्कि ओलंपिक में भी उनके बीच कड़ी प्रतिद्वंद्विता रही. सोवियत संघ ने जिन नौ ओलंपिक में हिस्सा लिया उनमें उसने 395 स्वर्ण पदक सहित 1010 पदक जीते. सोवियत संघ के टूटने के बाद रूस अब तक चार ओलंपिक में शिरकत कर चुका है जिनमें उसने 317 पदक हासिल किये जिनमें 108 स्वर्ण पदक शामिल हैं.

ओलंपिक का मेजबान ब्रिटेन सर्वकालिक ओलंपिक पदक तालिका में तीसरे स्थान पर है. उसने अब तक सर्वाधिक 26 ओलंपिक में भाग लिया है और उनमें 207 स्वर्ण पदक सहित 715 पदक जीते हैं. उसके बाद फ्रांस (636 पदक) और इटली (522 पदक) का नंबर आता है. इन दोनों के नाम पर समान 191 स्वर्ण पदक दर्ज हैं.

जर्मनी और चीन दोनों ने समान 163 स्वर्ण पदक जीते हैं. इनके नाम पर क्रमश: 530 और 385 पदक दर्ज हैं.

चीन ने अब तक केवल आठ ओलंपिक में भाग लिया है लेकिन अब वह अमेरिका की बादशाहत के लिये सबसे बड़ा खतरा बन गया है. अभी ओलंपिक में हंगरी का भी दबदबा रहता था. उसने 24 ओलंपिक में 459 पदक जीते हैं जिनमें 159 स्वर्ण शामिल हैं.

खिलाड़ियों की बात करें तो अमेरिका के तैराक माइकल फेल्प्स ने अब तक ओलंपिक में सर्वाधिक 14 स्वर्ण पदक जीते हैं. फेल्प्स इस बार इसमें और इजाफा करना चाहेंगे. सोवियत संघ की जिम्नास्ट लारिसा लेटिना के नाम पर नौ स्वर्ण पदक सहित 18 पदक दर्ज हैं.

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