अमेरिका के गुप्त राजनयिक संदेशों का खुलासा करने वाली वेबसाइट विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे का दावा है कि भारतीय मीडिया में गुप्त अमेरिकी राजनयिक संदेश के प्रकाशन से देश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन शुरू करने की प्रेरणा में मदद मिली.
विकीलीक्स की पारदर्शिता पर आयोजित सार्वजनिक चर्चा के दौरान असांजे ने करीब 700 लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वह गुप्त अमेरिकी राजनयिक संदेशों के लीक होने के प्रभाव के बारे में घंटों बोल सकते हैं. इसमें से अधिकतर जानकारी गार्डियन की ओर से सार्वजनिक की गई और इसका प्रभाव सकारात्मक था.
असांजे ने कहा कि भारतीय समाचार पत्र ‘द हिंदू’ ने हाल के सप्ताह में तथाकथित ‘केबलगेट’ पर 21 पेज प्रकाशित किये थे. इस प्रकाशन का प्रभाव यह हुआ कि विपक्षी दल ने संसद से चार बार बहिर्गमन किया और इससे कारण देश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन शुरू हो गया.
विकीलीक्स की ओर से सार्वजनिक किये गए एक गुप्त अमेरिकी संदेश में कहा गया था कि संप्रग सरकार ने भारत.अमेरिका परमाणु समझौते पर विश्वास मत का समर्थन करने के लिए सांसदों को कथित रूप से रिश्वत दी थी. इसके कारण हंगामा मच गया और सरकार को इसका खंडन करना पड़ा.
उन्होंने कहा कि हम आप सभी से सीधे तौर पर सप्ताह दर सप्ताह आधार पर प्रेरित होते हैं. यदि आपको लगता है कि हमारा काम सार्थक है तो आप हमें प्रत्येक सप्ताह वोट करते हैं. यदि आपको लगता है कि हमने अपने काम में कोई गलती की है तो आप हमारा समर्थन नहीं करते. यदि आपको लगता है कि हमें हमारे कार्य में समर्थन मिलना चाहिए तो आप हमें इसी तरह से बल देते रहें.
सूत्रों के अनुसार असांजे ने बलात्कार और यौन उत्पीड़न के आरोप में गत वर्ष दिसम्बर में गिरफ्तारी के बाद पहली बार सार्वनिक रूप से सामने आकर कहा कि यह शानदार प्रतिक्रिया है, मैं मानता हूं कि यह उस सरकार को मिलने वाले समर्थन से अधिक है जो प्रत्येक चार वर्ष बाद बड़े उद्योग घरानों से प्राप्त राशि प्राप्त करने के बाद चुनी जाती है.