उद्योग मंडल सीआईआई ने रेल क्षेत्र में निजी क्षेत्र का निवेश बढ़ाने के लिये सरकार से उपयुक्त नीतिगत पहले करने का अनुरोध किया है.
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने रेल मंत्रालय को बजट पूर्व दिये अपने ज्ञापन में निजी निवेश आकषिर्त करने के लिये स्पष्ट दिशानिर्देश का आह्वान किया है.
रेल से जुड़े निवेश में सार्वजनिक-निजी भागीदारी वाली परियोजनाओं की हिस्सेदारी अभी केवल 4 प्रतिशत है.
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने बयान में कहा कि रेलवे को क्षेत्र में सतत वृद्धि के लिये परियोजना क्रियान्वयन में सुधार, समयबद्ध मंजूरी प्रक्रिया को दुरूस्त करने के साथ ऐसे उपाय करने की जरूरत है जिससे निवेशकों को उनकी पूंजी पर उपयुक्त रिटर्न मिल सके.
उद्योग मंडल के अनुसार नीतिगत पहल ऐसी होनी चाहिए जिससे निजी कंपनियां निवेश के लिये आगे आएं. इन नीतियों में जमीन मुद्दे का हल, विभिन्न परियोजनाओं में जोखिम में समान साझेदारी, परियोजना का समयबद्ध क्रियान्वयन तथा निजी स्रोत से पूंजी निवेश पर रिटर्न की सुरक्षा शामिल हैं.
सीआईआई का कहना है कि इससे रेलवे को रेल परियोजनाओं में निजी भागीदारी बढ़ाने के साथ बाजार से और कोष जुटाने में मदद मिलेगी.
रेलवे ने विजन 2020 में लोगों को पर्यावरण अनुकूल सतत समन्वित परिवहन सेवा देने के लिये 14,00,000 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान लगाया है.
ये निवेश नई लाइन स्थापित करने, समर्पित मालवाहक गलियारा, स्टेशनों के आधुनिकीकरण, सिग्नल प्रणाली को अत्याधुनिक बनाने, मार्गों का विद्युतीकरण, दक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग आदि में किया जाना है.
इस बीच, जिंदल आईटीएफ के चेयरमैन इंद्रेश बतरा ने बयान जारी कर कहा कि रेलवे को 2012-13 के बजट में पिछले कुछ साल में घोषित परियोजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन पर विचार करना चाहिए. बजट में रेल बुनियादी ढांचा को मजबूत बनाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि समर्पित मालवाहक गलियारा पर काम में तेजी लायी जानी चाहिए ताकि रेल मार्ग पर भीड़भाड़ कम हो सके.