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अब आर अश्विन ने भी गाया 'भाग्य-राग'

माइकल क्लार्क और रिकी पोंटिंग ने फिर से भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ जमकर रन बटोरे लेकिन ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने कहा कि उनकी टीम के गेंदबाज किसी तरह से मनोवैज्ञानिक दबाव में नहीं हैं तथा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मंगलवार से शुरू हुए चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में भाग्य ने भी भारत का साथ नहीं दिया.

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आर अश्विन
आर अश्विन

माइकल क्लार्क और रिकी पोंटिंग ने फिर से भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ जमकर रन बटोरे लेकिन ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने कहा कि उनकी टीम के गेंदबाज किसी तरह से मनोवैज्ञानिक दबाव में नहीं हैं तथा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मंगलवार से शुरू हुए चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में भाग्य ने भी भारत का साथ नहीं दिया.

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ऑस्ट्रेलिया ने लचर शुरुआत से उबरते हुए पहले दिन तीन विकेट पर 335 रन बनाये जिससे भारत की चार मैच की श्रृंखला में कम से कम एक मैच में जीत दर्ज करने की उम्मीद कुछ धूमिल पड़ गयी.

माइकल क्लार्क (नाबाद 140) और पोंटिंग (नाबाद 137) ने अब तक चौथे विकेट के लिये 251 रन जोड़े हैं. इन दोनों ने इससे पहले सिडनी में भी इसी तरह से अपनी टीम को संकट से उबारा था.

अश्विन से जब पूछा गया कि क्या इन दोनों के प्रति भारतीय गेंदबाजों के दिमाग में कोई मनोवैज्ञानिक दबाव बन गया है, उन्होंने न में जवाब दिया. पहले सत्र में दो विकेट लेने वाले अश्विन ने कहा, ‘मैं नहीं मानता कि हमारी गेंदबाजी इकाई में इसके प्रति मनोवैज्ञानिक अड़चन है. ऐसा दो टेस्ट मैचों हुआ है, पहले सिडनी और अब यहां एडिलेड में. हमें अब कल सुबह जल्दी दो विकेट हासिल करने होंगे.’

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अश्विन का मानना है कि भारत दूसरे सत्र में रन प्रवाह नहीं रोक पाया जिससे वह पहला दिन अपने नाम करने में असफल रहा.

उन्होंने कहा, ‘हम एक दूसरे से कह रहे थे कि दूसरे सत्र में हमें उन पर अंकुश लगाना होगा. यह बेहद महत्वपूर्ण था. हमने उन्हें कुछ आसान रन दिये और उन्होंने वहां से लय पकड़ ली. इसके बाद रन बनाना आसान हो गया.’

उन्होंने कहा, ‘मैदान पर जो हल्की हरी घास थी उससे हमें मदद नहीं मिली. इसमें आप कुछ नहीं कर सकते. बल्ले का किनारा लेकर जाने वाली गेंद सीधे हाथ में नहीं गयी. माइकल क्लार्क को 130 रन के स्कोर काफी परेशानी में डाला गया लेकिन उसका विकेट नहीं मिला. हमारे लिये आज का दिन ऐसा ही रहा.’

अश्विन ने कहा, ‘‘इशांत हो सकता है कि दस विकेट हासिल कर ले. इस बारे में कोई नहीं जानता.’
अश्विन को मैच के चौथे ओवर में ही गेंद सौंप दी गयी थी.

इस बारे में उन्होंने कहा, ‘यह कप्तान वीरेंद्र सहवाग का स्वाभाविक फैसला था. उन्होंने एक ओवर पहले मुझसे कहा था कि मुझे जल्द गेंद सौंपी जाएगी. मैं वास्तव में सोच रहा था कि क्या करना है और मेरी रणनीति क्या होगी.’

उन्होंने कहा, ‘मैं यह सुनिश्चित करना चाहता था कि मैं अपनी रणनीति के हिसाब से गेंदबाजी करूं. मैं जो कर रहा था उसको लेकर सुनिश्चित होना चाहता था. मैं समझता हूं कि मेरे दिमाग में जो कुछ था मैंने उसी के हिसाब से काम किया.’

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अश्विन ने कहा, ‘इससे मैं हैरान नहीं हुआ. मैं किसी भी तरह की चुनौती के लिये हमेशा तैयार रहता हूं. मैं इसके लिये तैयार था. पिछले मैच में डेविड वार्नर पर आक्रमण के लिये हम सही स्थिति में नहीं थे इसलिए जब उन्होंने मुझसे कहा तो मैंने अपनी योजना बना ली और वास्तव में उस पर सही तरह से अमल किया.’

उन्होंने कहा, ‘हमारे पास गंवाने के लिये कुछ भी नहीं है. हम पहले ही 3-0 से पीछे हैं. इससे हम बेपरवाह होकर अपना नैसर्गिक खेल खेल सकते हैं.

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