अर्थव्यवस्था की गाडी पटरी पर लाने के लिए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अगले वित्त वर्ष के लिए पांच उद्देश्यों को पूरा करने पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा है. इनमें काले धन और सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार और कुपोषण की समस्या से निपटने के निर्णायक उपाय शामिल हैं.
मुखर्जी ने लोकसभा में बजट भाषण पढते हुए कहा, ‘हम आज एक ऐसे मोड पर खडे हैं जब कठोर निर्णय लेना आवश्यक हो गया है. हमें अपने वृहद आर्थिक माहौल में सुधार लाना है और मध्यावधि में उच्च विकास को बनाये रखने हेतु घरेलू विकास के कारकों को सुदृढ करना है. हमें सुधारों की गति में तेजी लानी होगी और अर्थव्यवस्था में आपूर्ति पक्ष प्रबंधन में सुधार करना होगा.’
उन्होंने कहा, ‘हम 12वीं पंचवर्षीय योजना में प्रवेश करने वाले हैं. इस योजना का लक्ष्य तीव्रतर, सतत और अधिक समावेशी विकास है.. मैंने पांच उद्देश्यों की पहचान की है जिन पर हमें आगामी वित्त वर्ष में कारगर ढंग से ध्यान देना चाहिए.’
मुखर्जी ने ये पांच उद्देश्य गिनाते हुए बताया:
1. घरेलू मांग से प्रेरित विकास पुनरोत्थान पर ध्यान केन्द्रित करना.
2. निजी निवेश में उच्च वृद्धि के तीव्र पुनरोत्थान की स्थितियां पैदा करना.
3. कृषि, उर्जा और परिवहन क्षेत्रों, विशेषकर कोयला, बिजली, राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे और नागर विमानन में आपूर्ति संबंधी बाधाओं पर ध्यान देना.
4. विशेषकर कुपोषण की समस्या से अत्यधिक ग्रस्त 200 जिलों में कुपोषण की समस्या से निजात पाने के लिए निर्णायक उपाय करना.
5. वितरण प्रणालियों, गवर्नेंस और पारदर्शिता में सुधार लाने और काले धन तथा सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार की समस्या से निपटने के लिए किये जा रहे फैसलों के समन्वित कार्यान्वयन में तेजी.