भारत के खिलाफ तीसरे और आखिरी टेस्ट में 116 रन बनाने वाले वेस्टइंडीज के बल्लेबाज शिवनारायण चंद्रपाल ने इसे अपने कैरियर की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक बताया है.
चंद्रपाल उस मैच में जब बल्लेबाजी के लिये उतरे तब तीन विकेट 40 रन पर गिर चुके थे. अपनी आठ घंटे की मैराथन पारी में उन्होंने नाबाद 116 रन बनाये.
चंद्रपाल के हवाले से वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड की विज्ञप्ति में कहा गया, ‘मैं इसे अपने कैरियर की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक मानता हूं. उस समय के हालात और मैच की स्थिति को देखते हुए यह बेहतरीन पारी थी.’
उन्होंने कहा, ‘पांचवें दिन गेंद टर्न ले रही थी और इसमें उछाल भी था. बल्लेबाजों को समझ में नहीं आ रहा था कि गेंद कहां गिरेगी. इसके लिये काफी संयम और एहतियात बरतने की जरूरत थी.’
उन्होंने कहा, ‘उस समय खुलकर नहीं खेला जा सकता था. मुझे अपने कौशल और मानसिक दृढता का इस्तेमाल करना पड़ा. धोनी ने चारों ओर से मुझे घेर रखा था लिहाजा रन बनाने के लिये काफी मेहनत करनी पड़ी.’ अपनी 343 गेंद की पारी में 116 रन बनाकर मैन आफ द मैच बने चंद्रपाल ने किर्क एडवर्डस की तारीफ की.
उन्होंने कहा, ‘उसने हरभजन का सामना करने की चुनौती ली जिसका मुझे फायदा हुआ. उसे गेंदबाजों से डर नहीं लगा. वह सही मानसिकता के साथ खेला.’
चंद्रपाल ने कहा कि उस समय धीमी रफ्तार से साझेदारी बढाना जरूरी था. उन्होंने कहा, ‘हमारे लिये साझेदारी जरूरी थी. हम मैच गंवाना नहीं चाहते थे लिहाजा धीमी रफ्तार से साझेदारी को आगे बढाया.’ चंद्रपाल ने कहा कि उसके साझेदारों को पता था कि यदि उन्हें दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम के सामने कोई मौका बनाना है तो बल्लेबाजी करनी ही होगी.
उन्होंने कहा, ‘उस समय हरभजन गेंद को बखूबी स्पिन करा रहा था और तेज गेंदबाज शुरू ही से आक्रामक होकर गेंद डाल रहे थे. हमें लंबे समय तक बल्लेबाजी करनी थी. मुझे अपनी पारी और मैन आफ द मैच पुरस्कार पर फख्र है.’