उत्तराखंड में किसी भी दल के बहुमत नहीं मिलने के बीच कांग्रेस और भाजपा ने संभावित सहयोगियों की तलाश शुरू कर दी है और दोनों दलों के नेता राज्य में अगली सरकार बनाने के लिए बसपा, उत्तराखंड क्रांति दल और निर्दलीय विधायकों से फोन के जरिए संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं.
सत्तर सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 32 और भाजपा को 31 सीटें मिली हैं जबकि बसपा के तीन उम्मीदवार विजयी हुए हैं. किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलने से सरकार गठन में बसपा की भूमिका महत्वपूर्ण हो गयी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय बहुगुणा ने देहरादून में संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि कुछ निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन देने का वादा किया है. उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं ने निर्दलीय विधायकों और बसपा के कुछ विधायकों से फोन पर बातचीत की है.
उन्होंने आशा जतायी कि उन्हें 38 विधायकों का समर्थन मिल सकता है.
बहुगुणा ने कहा कि पार्टी विधायक दल की आज बैठक बुलायी गयी है जिसमें एक प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को मुख्यमंत्री मनोनीत करने के लिए अधिकृत किया जाएगा.
नयी सरकार के गठन के मुद्दे पर कांग्रेस के राज्य नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडन नयी दिल्ली में सोनिया गांधी के साथ विचार विमर्श कर रहा है.
बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव और उत्तराखंड प्रभारी बीरेंदर सिंह ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार पेश करने के पहले हम सुनिश्चित करना चाहेंगे कि हमारे पास जरूरी संख्या हो. उसके बाद हम कोई फैसला करेंगे.’ उधर भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह और अनंत कुमार गठबंधन सरकार की संभावना तलाश करने के लिए उत्तराखंड में हैं. उन्होंने पार्टी विधायकों के साथ चर्चा की.
प्रदेश में सरकार के गठन में अहम भूमिका निभाने की स्थिति में आयी बसपा ने कहा कि पार्टी प्रमुख मायावती के साथ सलाह मशविरा के बाद ही समर्थन करने के मुद्दे पर कोई फैसला किया जाएगा.