चार बार के ओलंपियन और पूर्व हॉकी कप्तान धनराज पिल्लै का मानना है कि लंदन ओलंपिक में 30 जुलाई को हॉलैंड के खिलाफ होने वाला पहला मैच भारत के लिये काफी अहम होगा.
अपने जमाने के चमत्कारिक फॉरवर्ड पिल्लै ने ‘मोनेट गो फोर गोल्ड’ मशाल रिले के मौके पर कहा, ‘मैने चार ओलंपिक खेले हैं और तीन बार हम पहला मैच हार गए. भारत के लिये पहला मैच जीतना बहुत जरूरी होगा.’
धनराज ने चार ओलंपिक खेले जिनमें से तीन में भारत पहला मैच हार गया. बार्सीलोना में 1992 ओलंपिक में पहले मैच में भारत को जर्मनी ने 3-0 से हराया. भारत सातवें स्थान पर रहा था और जर्मनी ने खिताब जीता था.
सिडनी में 2000 ओलंपिक में भारत ने पहले मैच में अर्जेंटीना को 3-0 से हराया. भारत मामूली अंतर से सेमीफाइनल में जगह बनाने से चूक गया और सातवें स्थान पर रहा. एथेंस में 2004 ओलंपिक खेलों में जर्मनी ने पहले मैच में भारत को 3-1 से शिकस्त दी.
लंदन में भारतीय टीम ग्रुप बी में हॉलैंड, बेल्जियम, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड के साथ है. धनराज का मानना है कि भारतीय टीम को नीली और गुलाबी टर्फ पर खुद को जल्दी ढालना होगा.
उन्होंने कहा, ‘हमारे पास लुधियाना में नीली पिच है. टीम को जल्दी से जल्दी नीली टर्फ पर खेलने की आदत डालनी होगी.
धनराज ने कहा कि भारतीय टीम शीर्ष छह में रहेगी.
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारतीय टीम शीर्ष छह में रहेगी. यदि ऐसा हो सका तो मुझे बहुत खुशी होगी.’
उन्होंने यकीन जताया कि 27 जुलाई को ओलंपिक शुरू होने तक टेनिस स्टार लिएंडर पेस और महेश भूपति चयन विवाद को पीछे छोड़कर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे.
उन्होंने कहा, ‘मैं पेस को जानता हूं. वह मेरी तरह जुझारू है और भूपति भी. उनके आपस में मतभेद रहे हैं लेकिन इस बार वे बहुत बढ़ गए हैं. मुझे यकीन है कि वे इन बातों को भुलाकर ओलंपिक में देश का नाम रोशन करेंगे.’