भारत ने इस साल के शुरू में विश्व कप फाइनल में जब श्रीलंका को हराया था तो वानखेड़े स्टेडियम में तिल रखने की भी जगह नहीं थी लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ रविवार को चौथे एकदिवसीय मैच में इसकी आधी सीटें खाली थी.
कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी पर विशेष कवरेज
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हालांकि दर्शकों के इस रवैये से निराश नहीं हैं. धोनी ने भारत की चौथे वनडे में छह विकेट से जीत के बाद कहा, ‘मैं वास्तव में निराश नहीं था. क्योंकि जब आप इस पर गौर करते हो कि हम कितना क्रिकेट खेल रहे हैं और फिर विश्व कप भारत में खेला गया और दर्शक सभी मैच देखने के लिये आये. जब विश्व कप की बात होती है तो आप उससे भावनात्मक रूप से जुड़े होते हो. यह एक कारण रहा है.’
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धोनी ने कहा कि इस श्रृंखला के अधिकतर मैचों में भारतीय पारी के दौरान काफी दर्शक आये हालांकि स्टेडियम पूरी तरह नहीं भरे. उन्होंने कहा, ‘हमने श्रृंखला में देखा कि मैच बढ़ने के साथ स्टेडियम भरता गया. यहां भी स्टेडियम पूरी तरह भरा हुआ नहीं था लेकिन मुझे लगता है कि वे जानते थे कि इंग्लैंड पहले बल्लेबाजी कर रहा है. सूर्यास्त होने के बाद वे मैच देखने के लिये पहुंचे.’
उन्होंने कहा, ‘यह विकेट खासकर दूसरी पारी में मुश्किल था क्योंकि मैदान पर ओस नहीं थी. खेल बढ़ने के साथ विकेट धीमा होता गया और यहां तक कि इंग्लैंड के गेंदबाज एक छोर से रिवर्स स्विंग भी हासिल करने लगे थे.’
धोनी ने कहा, ‘ओस के बिना और विकेट में दरार पड़ने के कारण विशेषकर तेज गेंदबाजों के सामने स्ट्राइक रोटेट करना थोड़ा मुश्किल था.’ उन्होंने कहा, ‘हमारे बल्लेबाजों ने अच्छी भूमिका निभायी. पहले दस ओवर में हमने अधिक रन नहीं बनाये. इस तरह के विकेट पर बहुत अधिक विकेट नहीं गंवाना महत्वपूर्ण होता है.’