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पीएम, न्‍यायपालिका भी हो लोकपाल के दायरे में: दिग्विजय सिंह

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री और न्यायपालिका को भी लोकपाल के दायरे में लाना चाहिए, लेकिन व्यवस्था ऐसी होना चाहिए, जिससे लोकपाल अपने पद का दुरुपयोग नहीं कर सके.

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दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री और न्यायपालिका को भी लोकपाल के दायरे में लाना चाहिए, लेकिन व्यवस्था ऐसी होना चाहिए, जिससे लोकपाल अपने पद का दुरुपयोग नहीं कर सके.

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निजी यात्रा पर अपने गृह नगर राघौगढ़ आए दिग्विजय सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘मेरे मत में लोकपाल के तहत प्रधानमंत्री, न्यायपालिका, गैर सरकार संगठनों (एनजीओ) तथा औद्यौगिक घरानों को भी लाना चाहिए. मैं जब मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री था, तो मैने मुख्यमंत्री पद को लोकायुक्त के दायरे में लाया था. लेकिन व्यवस्था ऐसी होना चाहिए, जिससे लोकपाल अपनी शक्तियों का दुरुपयोग नहीं कर सके’’.

उन्होंने कहा कि हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली में संसद सर्वोच्च है और इस प्रणाली के तहत सांसद से लेकर आम नागरिक तक अपने सुझाव दे सकते हैं, लेकिन पांच-सात व्यक्तियों द्वारा सरकार पर दबाव डालने की प्रवृत्ति संसदीय लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है. इसलिए अब आम नागरिक सवाल करने लगा है कि दबाव डालकर कहीं लोकतंत्र के ढांचे को प्रभावित करने का कोई प्रयास तो नहीं किया जा रहा है.

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पिछले दिनों उनके भोपाल स्थित सरकारी निवास पर कुछ लोगों द्वारा किए गए पथराव को लेकर पूछने पर दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘मुझे आशंका है कि कट्टरपंथी हिन्दू विचारधारा के लोग मेरे घर पर बम भी फेंक सकते हैं, क्योंकि उन्हें बम बनाने में महारथ हासिल है और जहां तक मेरी सुरक्षा का सवाल है, तो मुझे ऊपरवाले पर भरोसा है’’.

कांग्रेस महासचिव ने उमा भारती की भाजपा में वापसी के सवाल पर कहा, ‘‘उनकी फितरत गांठ बांधने की है. यह उनकी पुरानी आदत है...जिन-जिन लोगों ने उमा को हटाया था, वह उनके प्रति गांठ बांध लेती हैं. इसलिए उमा की भाजपा में वापसी का सबसे बड़ा खतरा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को होगा’’.

उन्होंने कहा कि उमा भारती भाजपा में वापस आएंगी, यह भविष्यवाणी उन्होने कई वर्ष पहले इसी गुना जिले के आवन गांव में की थी. इसी तरह उन्होंने कहा था कि अन्ना हजारे को तो अनशन से उठाने वाले मिल गए, लेकिन बाबा रामदेव को अनशन तुड़ाने वाला कोई नहीं मिलेगा और उनकी यह भविष्यवाणी भी सही साबित हुई है.

सिंह ने कहा कि बाबा रामदेव के पास काला धन का यह आंकड़ा कहा से आया कि विदेशों में 400 लाख करोड़ रुपये जमा हैं. धीरे-धीरे अब बाबा की कलई खुलने लगी है और इन्हीं कारणों से भाजपा और आरएसएस उनसे पल्ला झाड़ने लगेंगी. बाबा जब खुद कह चुके हैं कि केन्द्र सरकार ने उनकी 99 प्रतिशत मांगें मान ली हैं, तो फिर उन्हें अनशन पर बैठे रहने की क्या जरूरत है.

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उन्होने रामलीला मैदान से रामदेव के भागने संबंधी प्रश्न पर कहा कि वह सत्याग्रह नहीं, ‘नौटंकी’ था. उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा को वे ‘दुश्मन नंबर एक’ नजर आते हैं, इसलिए उन्हें वह कभी पागल, तो कभी कुछ और कहती है, लेकिन उनके प्रश्नों का उत्तर नहीं देती. लालकृष्ण आडवाणी बताएं कि रामदेव की तुलना विवेकानंद और रामलीला मैदान की घटना की तुलना जलियावाला बाग से करना कितना उचित है.

सिंह ने कहा कि काला धन जमा करने वालों के नाम उजागर करने की मांग करने वाले बाबा रामदेव को उस व्यक्ति का नाम सामने लाना चाहिए, जिसने गुप्त दान में उन्हें हैलीकाप्टर दिया है. वह दानदाताओं के काले धन को कर माफी की श्रेणी में लाकर गुप्त दान ले रहे हैं और इससे अपनी पूंजी बना रहे हैं. बाबा रामदेव काले धन को दान के रूप में सफेद धन में बदलने का काम कर रहे हैं. यह केन्द्र सरकार के ‘मनी लांड्रिंग’ कानून के विरूद्ध काम है. इसकी जांच होना चाहिए.

उन्होने कहा कि काला धन और भ्रष्टाचार के मामले में केन्द्र की संप्रग सरकार पूरी तरह गंभीर है, इसलिए उसने सूचना का अधिकार जैसा कानून बनाया है. विदेशों में जमा काला धन लाने के लिए अन्य देशों से संधि करना होता है और भारत ऐसी संधि 23 देशों के साथ कर चुका है.

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सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आरोपों को लेकर कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उन्हें केन्द्र सरकार को भला-बुरा कहने के बजाए लोकपाल साझा मसौदा समिति की बैठकों में जाना चाहिए, जिससे लोकपाल विधेयक तैयार हो सके.

उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे एवं रामदेव के आंदोलनों में कोई फर्क नहीं है, क्योंकि दोनों के ही पीछे विवेकानंद ट्रस्ट काम कर रहा है, जिसमें सुब्रमण्यम स्वामी, गोविंदाचार्य, अजीत दुआ, गुरुमूर्ति आदि संघ से जुड़े व्यक्ति हैं. संघ का नाम हिन्दू आतंकवाद से जुड़ने की वजह से ही उसने अपनी ओर से जनता का ध्यान बांटने के लिए अन्ना और रामदेव का सहारा लिया है.

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