रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने अपने इस्तीफे की खबरों के बीच कड़ा रूख अख्तियार करते हुए कहा कि रेल बजट पारित कराना उनकी जिम्मेदारी है. वहीं उन्हें हटाने की तृणमूल कांग्रेस की मांगों के सिलसिले में संसद के दोनों सदनों में गुरुवार को हंगामा हुआ और सरकार ने कहा रेल मंत्री ने अभी इस्तीफा नहीं दिया है.
त्रिवेदी की जगह उनकी ही पार्टी के एक अन्य नेता मुकुल रॉय को रेल मंत्री बनाये जाने संबंधी खबरों पर प्रधानमंत्री ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘अगर इस तरह की कोई बात होती है तो हम उस पर विचार करेंगे.’ इससे पहले लोकसभा में सदन के नेता प्रणव मुखर्जी ने कहा, ‘रेल मंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया है. प्रधानमंत्री को तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी से संदेश मिला है जिस पर सक्रियता से विचार हो रहा है.’
हालांकि त्रिवेदी ने इस्तीफे के सवाल पर संवाददाताओं से कहा, ‘रेलवे बजट को पारित कराने की जिम्मेदारी मेरी है और मैंने संसद में बजट पेश किया. मैं अपने कर्तव्य से नहीं हटूंगा.’ उन्होंने यह भी कहा, ‘लेकिन यदि मेरी नेता ममता बनर्जी या प्रधानमंत्री मुझसे इस्तीफे के लिए कहते हैं तो मैं ऐसा करुंगा.’ विवाद से घिरे त्रिवेदी ने लोकसभा में प्रश्नकाल में भाग लिया और मुस्कराते रहे.
विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने लोकसभा में कहा कि देश संवैधानिक संकट के दौर से गुजर रहा है. रेल बजट पेश करने के कुछ ही घंटे बाद रेल मंत्री के इस्तीफे की खबर आती है. एक अन्य मंत्री (हरीश रावत) इस्तीफा देकर कोपभवन में बैठे हैं. सरकार बताये कि अभी दिनेश त्रिवेदी रेल मंत्री हैं या नहीं. बुधवार को पेश रेल बजट जिंदा है या नहीं? प्रणव ने कहा कि रेल मंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया है. रेल बजट के लिए प्रधानमंत्री की मंजूरी की जरूरी नहीं होती, कैबिनेट की मंजूरी की जरूरत नहीं होती. इसे वित्त मंत्री की मंजूरी प्राप्त होती है.
उन्होंने कहा, ‘वित्त मंत्री के रूप में मैं इसकी (रेल बजट) जिम्मेदारी लेता हूं. अब यह संसद की सम्पत्ति है और सदन को इस पर विचार करना है.’
तृणमूल कांग्रेस संसदीय पार्टी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, ‘तृणमूल ने कभी भी दिनेश त्रिवेदी को इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा. यह एक ऐसा विषय है जिसे तृणमूल नेता और प्रधानमंत्री के बीच सुलझाया जाना चाहिए. पार्टी की नेता और प्रधानमंत्री इस विषय को सुलझायेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘संप्रग-2 पूरी तरह से स्थिर है और अपना कार्यकाल पूरा करेगी.’ रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी के कथित इस्तीफे और इसके कारण रेल बजट पारित करने पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव के बारे में आज राज्यसभा में भी विपक्षी सदस्यों ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगते हुए खूब हंगामा किया.
हंगामे के कारण प्रश्नकाल नहीं हो पाया और बैठक को महज दस मिनट के भीतर ही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. बैठक दोबारा शुरू होते ही विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने रेल मंत्री के कथित इस्तीफे का मुद्दा उठाया.
उन्होंने कहा, ‘बहुत विचित्र और गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है. कहा जा रहा है कि रेल मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है. हम जानना चाहते हैं कि ऐसे में कल पेश किए गए रेल बजट की क्या स्थिति है.’ जेटली ने कहा, ‘सरकार के दो दो मंत्रियों (त्रिवेदी एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री हरीश रावत) के इस्तीफे की खबरें हैं. जब सरकार ही स्थिर नहीं है तो ऐसे में हम कैसे काम कर सकते हैं. हम जानना चाहते हैं कि क्या रेल बजट जिंदा है.’ उनकी पार्टी और माकपा सहित अन्य दलों के सदस्यों ने उनकी बात से सहमति जताई और प्रधानमंत्री से सदन में आकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की.
केंद्र सरकार पर देश के संघीय ढांचे से गंभीर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने कहा कि संप्रग सरकार गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रही है. पार्टी ने कहा कि यदि वह सरकार में शामिल सभी दलों को साथ ले कर नहीं चल सकती तो उसे सत्ता छोड़ देनी चाहिए.
कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि त्रिवेदी अब भी रेल मंत्री हैं और रेल बजट पर निर्णय संसद करेगी जिसे कल पेश किया गया है.