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मौजूदा इंग्लैंड दौरा मेरे सबसे मुश्किल दौरों में से: धोनी

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने पहले दो टेस्ट गंवाने और कुछ अहम खिलाड़ियों की खराब फार्म के बीच स्वीकार किया कि इंग्लैंड के खिलाफ चल रही टेस्ट श्रृंखला उनके कैरियर के सबसे मुश्किल दौरों में से एक है.

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महेंद्र सिंह धोनी
महेंद्र सिंह धोनी

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने पहले दो टेस्ट गंवाने और कुछ अहम खिलाड़ियों की खराब फार्म के बीच स्वीकार किया कि इंग्लैंड के खिलाफ चल रही टेस्ट श्रृंखला उनके कैरियर के सबसे मुश्किल दौरों में से एक है.

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धोनी ने से एजबस्टन में शुरू हो रहे तीसरे टेस्ट मैच से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘अगर आप चोटों, फिटनेस, फार्म और अन्य चीजों को देखें तो चिंता करने वाली कई चीजें हैं. इन्हें याद करना मुश्किल है लेकिन यह सबसे मुश्किल दौरों में से एक है (जिनका मैं हिस्सा रहा).’

इस दौरे पर भारतीय क्रिकेटरों की मानसिक मजबूती की जबर्दस्त परीक्षा को रही है विशेषकर धोनी की जिन पर विकेटकीपिंग और टीम की अगुआई की अतिरिक्त जिम्मेदारी है. धोनी ने कहा, ‘शारीरिक मुद्दा अहम है. हालांकि आप जितना अधिक खेलते हैं उतना ही आपको ऐसी स्थिति से निटपने के लिए अपने दिमाग को तैयार करने का अनुभव मिलता है.’ उन्होंने कहा, ‘बेशक यह आसान नहीं है.

अलग-अलग लोगों के लिए विभिन्न तरीके होते हैं. कुछ लोग नेट अभ्‍यास में अतिरिक्त समय बिताने को प्राथमिकता देते हैं जबकि कुछ क्रिकेट से ध्यान हटाने को. यह इस पर निर्भर करता है कि किसी को क्या चीज सही लगती है.’ धोनी ने तीसरे मैच में एजबस्टन की घसियाली पिच पर चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने के विचार को भी स्पष्ट तौर पर खारिज नहीं किया.

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उन्होंने कहा, ‘विकेट से अब तक स्पिनरों को मदद नहीं मिली है. इससे हमें सोचने के लिए मजबूर होना पड़ा है कि क्या हम चार तेज गेंदबाजों के साथ उतर सकते हैं. धीमी ओवर गति को लेकर हम चिंतित नहीं हैं, अहम यह है कि हम ऐसी एकादश चुनें जो इस विकेट के मुताबिक हो.’

भारत के पास फिलहाल चार फिट तेज गेंदबाज हैं जिसमें एस श्रीसंत, इशांत शर्मा, प्रवीण कुमार और मुनाफ पटेल शामिल हैं. जहीर खान के विकल्प के तौर पर भेजे गये आरपी सिंह अभी टीम से नहीं जुड़े हैं जिससे मेहमान टीम के विकल्प सीमित हो गये हैं. टीम के पास इसके अलावा लेग स्पिनर अमित मिश्रा या बायें हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा को अंतिम एकादश में शामिल करने का भी मौका होगा.

नार्थम्पटनशर के खिलाफ अभ्‍यास मैच में वीरेंद्र सहवाग की विफलता के बावजूद धोनी ने टीम में इस आक्रामक सलामी बल्लेबाज की अहमियत पर जोर दिया. उन्होंने कहा, ‘ऐसा कोई अच्छा कारण नहीं है कि वह नहीं खेले. वह बेजोड़ खिलाड़ी है और खुलकर शॉट खेलता है, फिर भले ही वह किसी भी गेंदबाज का सामना कर रहा हो.’

धोनी ने कहा, ‘वह आक्रामक सलामी बल्लेबाज है जिसका विरोधी गेंदबाजों पर बड़ा प्रभाव पड़ता है. वह काफी अच्छा बल्लेबाज है.’ धोनी ने चिंता जताई कि उनकी टीम कैसे इंग्लैंड की पारी के दौरान 45वें से 80वें ओवर के बीच अच्छी स्थिति में होने के बावजूद फायदा उठाने में विफल रही.

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उन्होंने कहा, ‘हम दोनों मैचों में ऐसी स्थिति में थे कि दबदबा बना सकते थे. अगर हमें फिर ऐसा मौका मिलता है तो यह अहम है कि हम आगे बढ़ें और उनकी बल्लेबाजी पर और अधिक दबाव बनायें. यह अहम है कि हम 45 से 80 ओवर के बीच कैसी गेंदबाजी करते हैं.’

लंदन और बर्मिंघम सहित इसके आसपास के इलाकों में दंगे पर प्रतिक्रिया देते हुए धोनी ने खुलासा किया कि वह होटल वापस लौटने से पहले टीम के कुछ साथियों के साथ सिटी सेंटर में खरीदारी कर रहे थे. इसके बाद जब हिंसा शुरू हुई तब वह डिनर के लिए बाहर जाने की योजना बना रहे थे.

उन्होंने कहा, ‘हमारे सुरक्षा मैनेजर, जैक्स ने हमें कहा कि बेहतर रहेगा कि हम होटल में ही रहें. यह (दंगे) दुखद है लेकिन एक व्यक्ति और क्रिकेटर के तौर पर हम अधिक कुछ नहीं कर सकते.’
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