मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के कैरियर के 51वें टेस्ट शतक की मदद से डरबन के किंग्समीड मैदान में तीसरा और अंतिम टेस्ट ड्रॉ कराने के बाद भारत इस दिग्गज बल्लेबाज के अनुभव के दम पर बुधवार से इसी मैदान पर शुरू हो रही पांच वनडे मैचों की श्रृंखला में जीत के साथ शुरूआत करने उतरेगा.
चोट के कारण वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की सलामी जोड़ी के बाहर होने के बाद टीम इंडिया को तेंदुलकर से काफी उम्मीद होगी जिन्हें किंग्समीड पर सात एकदिवसीय मैच खेलने का अनुभव है. तेंदुलकर के लिए यह मैदान काफी सफल भी रहा है और उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से यहां अच्छा प्रदर्शन किया है.
भारत के लिए यह मैदान हालांकि दुर्भाग्यशाली रहा है जहां उसने अपने सात मैचों में से चार गंवाये जबकि केवल दो में ही जीत दर्ज कर सका. इतना ही नहीं दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तो भारत का रिकार्ड यहां और भी खराब है और उसे मेजबान टीम के खिलाफ अपने पांच मैचों में से चार में हार का सामना करना पड़ा जबकि एक मैच बेनतीजा रहा. भारत ने इस मैदान पर दो जीत इंग्लैंड और कीनिया के खिलाफ दर्ज की हैं. {mospagebreak}
दूसरी तरफ आम तौर पर घरेलू सरजमीं पर बेजोड़ प्रदर्शन करने वाले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी यह मैदान काफी सफल नहीं रहा है जिससे भारत प्रेरणा लेते हुए यहां पहली जीत दर्ज करने को बेताब होगा. दक्षिण अफ्रीका ने अब तक यहां 27 मैच खेले हैं जिसमें से उसने 14 में जीत दर्ज की जबकि आठ में उसे शिकस्त का सामना करना पड़ा. मेजबान टीम के चार मैच बेनतीजा समाप्त हुए.
भारत की जीत का दारोमदार बल्लेबाजी में तेंदुलकर के अलावा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, युवराज सिंह, सुरेश रैना, युवा विराट कोहली, रोहित शर्मा, मुरली विजय और यूसुफ पठान जैसे खिलाड़ियों पर होगा. गेंदबाजी की बात करें तो भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई एक बार फिर जहीर खान और हरभजन सिंह करेंगे जबकि आशीष नेहरा, प्रवीण कुमार, एस श्रीसंत, आर अश्विन और मुनाफ पटेल को भी अहम भूमिका निभानी होगी.
जहीर और नेहरा को इस मैदान पर गेंदबाजी का अच्छा खासा अनुभव है और दोनों यहां सफल भी रहे हैं. जहीर ने यहां पांच मैचों में 12.3 की बेजोड़ औसत के साथ 13 विकेट चटकाये हैं जबकि नेहरा के नाम चार मैचों में 10.77 की औसत से नौ विकेट दर्ज हैं. तेंदुलकर ने भी यहां पांच विकेट अपने नाम किया हैं लेकिन बुधवार के मैच में उनके गेंदबाजी करने की संभावना कम ही है. {mospagebreak}
युवराज सिंह और यूसुफ पठान हालांकि टी20 मैच में अच्छे प्रदर्शन के बाद कमाचलाऊ गेंदबाज की भूमिका निभा सकते हैं. भारतीय गेंदबाजों के लिए हालांकि दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज क्रम से पार पाना आसान नहीं होगा जिसकी अगुआई अनुभवी जाक कैलिस और ग्रीम स्मिथ करते हैं. कैलिस ने इस मैदान पर 44 से अधिक की औसत से 709 रन जोड़े हैं जबकि स्मिथ के नाम 444 रन दर्ज हैं.
इसके अलावा एबी डिविलियर्स, हाशिम अमला और अनुभवी मार्क बाउचर भी किसी भी टीम की परेशानी बढ़ा सकते हैं. कैलिस का हालांकि चोट के कारण इस मैच में खेलना संदिग्ध है जो टीम के लिए बड़ा झटका हो सकता है. गेंदबाजी में डेल स्टेन और मोर्ने मोर्कल की तूफानी जोड़ी के अलावा कप्तान जोहान बोथा भारतीय बल्लेबाजों का सिरदर्द बढ़ाने को तैयार होंगे.