इंतजार की घडि़यां अब खत्म हुईं. अब वक्त आ गया है रफ्तार की महाटक्कर यानी एफ वन फॉर्मूला रेस का आनंद उठाने का. ग्रेटर नोएडा के बुद्ध इंटरनेशनल फॉर्मूला वन ट्रैक पर हवा से बातें करने वाली एफ 1 कारें दौड़ने जा रही है.
फॉर्मूला वन के 60 साल की कहानी | तस्वीरों में देखें
शुक्रवार को प्रैक्टिस सेशन का दिन है. यानी फॉर्मूला वन की टीमें नियत समय पर रविवार को होने वाली फाइनल रेस के लिए प्रैक्टिस करेंगी.
रफ्तार और जोखिम का खेल है फॉर्मूला वन
पहली बार भारत में हो रही फर्राटा रेस यानी फॉर्मूला वन के लिए दुनिया की बेहतरीन टीमें भारत पहुंच चुकी हैं. रविवार को होने वाले फाइनल मुकाबले के लिए 12 टीमें कमर कसकर तैयार है.
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एफ वन के लिए भारत पहुंचे माइकल शुमाकर ने ट्रैक की जमकर तारीफ की. 400 मिलियन डॉलर की लागत से तैयार ट्रैक पर जेट की रफ्तार से कारें दौड़ेंगी, तो लोग देखते ही रह जाएंगे.
पहले इंडियन ग्रां प्री के लिए तैयार हुआ फॉर्मूला वन रेस ट्रैक बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट का नाम दुनिया के 5 बेहतरीन ट्रैक में शुमार हो गय़ा है. भारतीय रेसर नारायण कार्तिकेयन और करुण चंडोक ने फॉर्मूला वन रेस ट्रैक- बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट की जमकर तारीफ की है. उम्मीद की जा रही है रविवार को हो रहे फाइनल मुकाबले को देखेने के लिए 1 लाख लोग जुटेंगे.