ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में 47 रन के एवज में छह विकेट लेकर भारत की तरफ से पदार्पण मैच में ही पारी में पांच या इससे अधिक विकेट लेने वाले सातवें गेंदबाज बने.
अश्विन सुबह से कैरेबियाई बल्लेबाजों पर हावी हो गये और उन्होंने सुबह के सत्र में दो विकेट लेने के बाद दूसरे सत्र में भी बाकी बचे तीनों विकेट लिये. अश्विन ने अपना पहला विकेट मैच के दूसरे दिन ही हासिल कर लिया था. इस तरह से वह मैच में 128 रन देकर नौ विकेट लेने में सफल रहे जो कि भारत की तरफ से पदार्पण मैच में दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. रिकार्ड नरेंद्र हिरवानी के नाम पर है जिनके नाम पर 136 रन देकर 16 विकेट का विश्व रिकार्ड दर्ज है.
दिलचस्प तथ्य यह है कि भारत की तरफ से अब तक जिन सात गेंदबाजों ने अपने पदार्पण टेस्ट मैच में पारी में पांच या इससे अधिक विकेट लेने का कारनामा किया है उनमें पांच स्पिनर शामिल हैं. सबसे पहले यह उपलब्धि भारत के पहले टेस्ट मैच में मोहम्मद निसार ने हासिल कर ली थी. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 25 जून 1932 से शुरू हुए इस मैच की पहली पारी में 93 रन देकर पांच विकेट लिये थे.
लेग स्पिनर वमन कुमार यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे गेंदबाज थे. संयोग से उन्होंने फिरोजशाह कोटला मैदान पर ही यह रिकार्ड बनाया था. वमन ने 1961 में पाकिस्तान के खिलाफ 64 रन देकर पांच विकेट लिये थे. मध्यम गति के गेंदबाज आबिद अली ने 1967 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में 55 रन के एवज में छह विकेट लेकर इस सूची में अपना नाम लिखवाया. इस लेग स्पिनर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पदार्पण मैच में 16 विकेट चटकाये थे जो आज भी रिकार्ड है. उन्होंने पहली पारी में 61 रन देकर आठ और दूसरी पारी में 75 रन देकर आठ विकेट लिये थे.
अश्विन से पहले लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने यह कमाल दिखाया था. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2008 में मोहाली में 64 रन देकर पांच विकेट हासिल किये थे. अश्विन ने कैरेबियाई कप्तान डेरेन सैमी को आउट करके पारी का पांचवां विकेट हासिल किया और रवि रामपाल के रूप में छठा विकेट लिया. इस तरह से उन्होंने भारत की तरफ से पदार्पण मैच में एक पारी में तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. पहले दोनों रिकार्ड हिरवानी के नाम पर हैं.