वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के साथ गरमागरम बैठक के बाद बागी क्रिकेटर क्रिस गेल की भारत के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में वापसी की उम्मीदों धुल गई हैं.
गेल का भारत के खिलाफ 20 जून से शुरू हो रही टेस्ट श्रृंखला में खेलना ही नहीं बल्कि पूरा कैरियर ही दांव पर लग गया है क्योंकि गेल ने क्रिकेट बोर्ड के पिछले महीने उसके खिलाफ रेडियो साक्षात्कार के दौरान की गई टिप्पणियों का खंडन करने के आग्रह को खारिज कर दिया है.
बुधवार रात चार घंटे चली इस बैठक में गेल के साथ वेस्टइंडीज प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दीनानाथ रामनारायण और उपाध्यक्ष वावेल हिंड्स के साथ पहुंचे थे जबकि डब्ल्यूआईसीबी की ओर से इसके सीईओ इर्नेस्ट हिलेयर, क्रिकेट निदेशक टोनी हावर्ड, मुख्य कोच औटिस गिब्सन और प्रबंधक रिची रिचर्डसन थे.
एक सूत्र ने कहा कि यह बैठक एक समय काफी उग्र हो गई थी और रामनारायण एक समय हिलेयर पर हमला करने के करीब थे.
सू़त्रों ने कहा कि डब्ल्यूआईपीए और बोर्ड के बीच विवाद आईपीएल शुरू होने से पहले ही बढ गया था क्योंकि गेल उसी स्थिति में वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम की ओर से खेलना चाहते थे यदि बोर्ड उन्हें उतना पैसा चुकाए जितना गेल को आईपीएल में मिल रहा है.
रायल चैलेंजर्स बेंगलूर ने गेल को आठ लाख डालर की रकम देकर आईपीएल के लिए खरीदा था. तकरार का एक अन्य मसला यह था कि डब्ल्यूआईसीए ने गेल को कप्तानी इसलिए नहीं सौंपी क्योंकि उन्होंने बोर्ड के साथ रिटेनर करार नहीं किया था जबकि इस खिलाड़ी को लगा कि करार पर हस्ताक्षर नहीं करने का असर उसकी कप्तानी पर नहीं पड़ेगा.
बोर्ड ने हालांकि कहा कि कप्तान बनने के लिए खिलाडी का रिटेनर करार पर हस्ताक्षर करना जरूरी है.
बैठक के दौरान डब्ल्यूआईपीए चाहता था कि बोर्ड गेल को टीम में शामिल कर ले और रेडियो साक्षात्कार के दौरान की गईं उनकी टिप्पणियों को व्यक्तिगत माना जाए जबकि बोर्ड चाहता है कि गेल उन बयानों का खंडन करें. गेल और डब्ल्यूआईसीबी के बीच फिलहाल किसी अन्य बैठक का कार्यक्रम नहीं है.