गोवा में विधानसभा की 40 सीटों पर चुनाव के लिए शनिवार को सात लाख से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया.
निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी गोवा जिले की 23 सीटों के लिए 77 प्रतिशत व दक्षिणी गोवा जिले की 17 सीटों पर लगभग 74 प्रतिशत मतदान हुआ. राज्य में 10 लाख मतदाता हैं. भारी मतदान देख गोवा के दोनों प्रमुख राजनीतिक गठबंधनों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है.
मार्गो निर्वाचन क्षेत्र में वोट डालने के बाद मुख्यमंत्री दिगम्बर कामत ने कहा कि उन्हें कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गठबंधन की जीत का पूरा विश्वास है. कामत ने कहा, 'मैं छठी बार चुनाव लड़ रहा हूं.' संकेत अच्छे मिल रहे हैं और हमारे गठबंधन की जीत होगी.'
विपक्ष के नेता मनोहर पर्रिकर ने कहा कि भारी मतदान से उन्हें लगता है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता मिलना तय है. पर्रिकर ने कहा, 'मैं संतुष्ट हूं. मतदाताओं ने चोरों को सत्ता से बाहर रखने के लिए बढ़चढ़ कर मतदान किया है. मतगणना मंगलवार को होगी.
राज्य में नौ महिलाओं सहित कुल 215 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. सभी 1,612 मतदान केंद्रों पर तकरीबन दिनभर मतदान चला. गोवा में सत्तारूढ़ कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गठबंधन व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)- महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी गठबंधन में मुख्य टक्कर है.
यहां के राजनीतिक परिदृश्य में पहली बार तृणमूल कांग्रेस ने भी अपने 20 उम्मीदवार मैदान में उतारे. अन्य पार्टियों में समाजवादी पार्टी (सपा), समाजवादी जनता पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया और जनता दल-सेक्युलर के उम्मीदवार मैदान में हैं. इसके अलावा गोवा विकास पार्टी और युनाइटेड गोअन डेमोक्रेटिक पार्टी (यूजीडीपी) के प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में उतरे.
इसके अलावा नागरिक समाज ने भी जागृत गोयनकारेंचो इकवोट (जेडजीई) के बैनर तले 10 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था. सबसे ज्यादा उम्मीदवार वास्को-डा-गामा सीट पर थे. पणजी और डावोर्लिम में कुछ मामूली घटनाओं को छोड़कर आमतौर पर मतदान शांतिपूर्ण रहा.
पणजी में कांग्रेस उम्मीदवार यतिन पारेख एवं उनके समर्थकों की भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोहर पर्रिकर के समर्थकों के साथ झड़प हुई, जिसमें पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा. डावोर्लिम के नावेलिम निर्वाचन क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के मंत्री चर्चिल एलेमाओ की बेटी वालंका अलेमाओ को एक मतदान केंद्र के निकट पुलिस को प्रचार करने से रोकना पड़ा.