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टीम इंडिया की नाकामी से घबरायें नहीं: हरभजन

हरभजन ने ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं में भारत 0-4 से शिकस्त के बारे में कहा कि वहां हम स्वाभाविक खेल नहीं खेल सके, लेकिन ऐसा किसी भी टीम के साथ हो सकता है और टीम जल्दी ही इससे उबर कर ऑस्ट्रेलिया को कड़ी टक्कर देगी.

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हरभजन सिंह
हरभजन सिंह

इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलियाई दौरे में जिस एक क्रिकेटर की कमी सभी को खली है वो हैं हरभजन सिंह. अब ‘टर्बनेटर’ हरभजन सिंह ने कहा कि वह जल्दी ही अंतरराष्ट्रीय टीम में वापसी करेंगे और फिर से बेहतर प्रदर्शन कर अपने देश का नाम ऊंचा करेंगे.

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जालंधर में क्रिकेट अकादमी की शुरुआत करने आये हरभजन ने कहा, ‘मैं स्वाभाविक रूप से अपना काम कर रहा हूं. मुझे उम्मीद है कि मैं जल्दी ही टीम के अपने साथियों के खेल सकूंगा और मैं वापसी करने के लिए पूरी तरह तैयार हूं.’ विश्वकप विजेता टीम के सदस्य रह चुके भज्जी ने कहा, ‘मैं जल्दी ही टीम में वापसी करूंगा और टीम इंडिया को और बेहतर देने का प्रयास करूंगा. मैने काफी मेहनत की है और इस बीच मैंने कई अन्य मैच खेल कर अपने क्रिकेट को और बेहतर बनाने की कोशिश की है.’

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1998 में टेस्ट क्रिकेट में आगाज करने वाले हरभजन ने ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं में भारत 0-4 से शिकस्त के बारे में कहा कि वहां हम स्वाभाविक खेल नहीं खेल सके, लेकिन ऐसा किसी भी टीम के साथ हो सकता है और टीम जल्दी ही इससे उबर कर ऑस्ट्रेलिया को कड़ी टक्कर देगी.

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हरभजन ने कहा, ‘यह सही है कि हम वहां अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाये हैं. क्रिकेट में ऐसा होता रहता है. टीम जल्दी ही अपने पुराने रंग में वापसी करेगी और विरोधी टीमों को कड़ी टक्कर देगी.’

ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को सबसे अधिक परेशान करने वाले इस आफ स्पिनर ने यह भी कहा, ‘कुछ एक श्रृंखलाओं में ऐसा होता है, लेकिन इसके लिए चिंता की कोई बात नहीं है. हम विश्व विजेता हैं और जल्दी अपने रंग में लौटेंगे.’

हरभजन ने 2000-2001 में ऑस्ट्रेलियाई टीम को काफी परेशान कर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा था, इसके बाद वह टीम के प्रमुख गेंदबाज बन गए. भज्जी कई मौकों पर बल्लेबाजी करके भी अपनी उपयोगिता सिद्ध कर चुके हैं.

हरभजन ने 98 टेस्ट में 406 विकेट झटके हैं. उन्होंने 25 बार पारी में पांच या इससे अधिक विकेट जबकि पांच बार दस या इससे अधिक अधिक चटकाये हैं. टेस्ट मैचों में वह नौ अर्धशतक और दो शतक भी जड़ चुके हैं. 229 एकदिवसीय मैचों में वह 259 विकेट ले चुके हैं.

उनके कोच दवेंदर अरोड़ा ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों के लिए आफ स्पिन को खेलना हमेशा से बड़ा मुश्किल रहा है, ऐसे में उनका इस ऑस्ट्रेलियाई दौरे के लिये चयन नहीं होना टीम के लिए और घातक सिद्ध हुआ है.

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अरोड़ा ने कहा, ‘मौजूदा श्रृंखला में हार के लिए केवल और केवल चयन समिति जिम्मेदार है. ऐसा लगता है जैसे सभी पांच चयनकर्ताओं के पास टीम चयन की कोई दृष्टि नहीं है. भज्जी का ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चयन न करना आश्चर्यजनक रहा.’

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