लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए आम नागरिकों और मंत्रियों की दस सदस्यीय समिति गठित करने की अधिसूचना जारी करने की मांग सरकार द्वारा मान लेने पर विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने पांच दिन से जारी अपना आमरण अनशन शनिवार को तोड़ दिया.
पहला दिन: आमरण अनशन पर बैठे अन्ना हजारे
दूसरा दिन: अनशन पर बैठे हजारे का लोगों का साथ
तीसरा दिन: हजारे के साथ देश हुआ एकजुट
चौथा दिन: बॉलीवुड और मीडिया ने जुटाया समर्थन
पांचवां दिन: हजारे ने अनशन तोड़ा, कहा जनता को मिली जीत
यहां जंतर मंतर पर 73 वर्षीय हजारे ने अपने हजारों उत्साही समर्थकों के बीच सरकार की ओर से अधिसूचना जारी करने को जनता की जीत करार देते हुए चेतावनी दी कि अगर 15 अगस्त तक लोकपाल विधेयक पास नहीं किया जाता है तो वह तिरंगा लेकर एक बार फिर आंदोलन शुरू करेंगे.
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जारी आमरण अनशन के पांचवें दिन एक छोटी बच्ची के हाथों नींबू पानी पीकर अनशन तोड़ने के बाद हजारे ने अपने संबोधन में कहा, ‘यह मेरे लिए सबसे बड़ा दिन है. यह लोगों की जीत है लेकिन अभी सही आजादी प्राप्त करने के मार्ग में लम्बा रास्ता तय करना है.’
भ्रष्टाचार की बुराई का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘देश के लिए लोग कितने एकजुट हैं..यह दिखाई दिया है. भगत सिंह, राजगुरू के इंकलाब जिंदाबाद के नारे का असर एक बार फिर दिखाई दिया. उस समय उन्होंने गोरे अंग्रेजों की नींद उड़ाई थी, आज आपने काले अंग्रेजों की निंद उड़ाई है.’ उन्होंने कहा कि देश के समक्ष अभी कई प्रश्न है लेकिन सभी विषयों को एक साथ नहीं लिया जा सकता है. इन प्रश्नों को एक एक कर के लेना होगा.{mospagebreak}
आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए एक संगठन की जरूरत बताते हुए हजारे ने कहा, ‘मैं भ्रष्टाचार और देश की समस्याओं को लेकर पूरे देश में घूमता रहूंगा और पूरे देश को इसमें शामिल करूंगा.’
इससे पहले समिति गठित करने संबंधी अधिसूचना जारी करने की हजारे की मांग के आगे झुकते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सरकार की ओर से ऐसा करने के बाद कहा, ‘मुझे खुशी है कि सरकार और नागरिक समाज के प्रतिनिधि भ्रष्टाचार से लड़ने के हमारे पारस्परिक संकल्प में एक समझौते पर पहुंच गए हैं. मैं इस बात से खुश हूं कि अन्ना हजारे अनशन समाप्त करने पर राजी हो गए हैं.’
कानून मंत्रालय के विधायी विभाग के सचिव वीके भसीन ने इस अधिसूचना पर हस्ताक्षर किया और बाद में धरना स्थल यानी जंतर-मंतर पर किरण बेदी ने इसे सबको दिखाया. इस अधिसूचना में एक तरफ जहां यह बताया गया है कि समिति का क्या काम होगा वहीं दूसरी तरफ समिति के 10 सदस्यों के नाम भी इसमें है.
इस समिति का नेतृत्व प्रणब मुखर्जी करेंगे और पूर्व कानून मंत्री शांतिभूषण इसके सह अध्यक्ष होंगे.
अपने आंदोलन के आगे सरकार को झुका देने में सफल होने पर हजारे ने कहा, ‘आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए हर राज्य में एक ऐसा संगठन बन जाए तो अच्छा रहेगा. लेकिन इस आंदोलन और संगठन से स्वच्छ आदमी जुड़ने चाहिए जिनके विचार शुद्ध हों, आचरण निष्काम और निष्पाप और बिना राग द्वेष के काम करते हों.’{mospagebreak}
देश के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘प्रश्न बहुत हैं, देश के समक्ष. लेकिन सभी प्रश्नों को एक साथ नहीं लिया जा सकता है. देश के समक्ष किसानों का प्रश्न है, मजदूरों का प्रश्न है, शिक्षा, पानी का प्रश्न है. इन विषयों पर ध्यान देने की जरूरत है. हमें एक एक प्रश्नों को लेकर आगे बढ़ना है.’
देश की चुनाव प्रणाली में व्यापक सुधार की जरूरत पर जोर देते हुए हजारे ने कहा, ‘जनता को जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार होना चाहिए. पालिकाओं में कोई सदस्य अगर जनता से बिना पूछे पैसा खर्च करता है तो लोगों को उसे वापस बुलाने का अधिकार होना चाहिए.’ इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के उपयोग को गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि मतदान में इसका उपयोग किया जाना ठीक नहीं है.
उन्होंने कहा कि मतदान पत्र में उम्मीदवारों का विवरण के अलावा एक विकल्प प्रत्याशी की नापसंदी का भी होना चाहिए. लोगों को यह बताने का अधिकार होना चाहिए कि उन्हें कोई उम्मीदवार पसंद नहीं है.
लोकपाल विधेयक का उल्लेख करते हुए हजारे ने कहा कि इसका मसौदा ढांचा बन गया है. अब हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई है. सही आजादी प्राप्त करने के लिए अभी बहुत लम्बा रास्ता तय करना है.
उन्होंने कहा, ‘विधेयक का पूरा मसौदा तैयार करना है..इस क्रम में भी जहां जरूरत पड़ेगी, संघर्ष करना है. मसौदे को मंत्रिमंडल के समक्ष पेश किये जाने पर दूसरा संघर्ष शुरू होगा. मंत्रिमंडल के बाद लोकसभा में पेश करने के बाद अगर कोई व्यवधान आया तो मैं कंधे पर तिरंगा लेकर निकल पडूंगा.’{mospagebreak}
आंदोलन को आगे बढ़ाने में मीडिया के योगदान की सराहना करते हुए हजारे ने कहा कि इस आंदोलन को दुनिया में फैलाने में प्रेस ने अहम भूमिका निभाई है और यह प्रदर्शित किया है कि मीडिया क्यों लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है.
आंदोलनकारियों की ओर से कोर ग्रुप का नेतृत्व करने के आग्रह पर हजारे ने विश्वास दिलाया कि आंदोलन को उनका मार्गदर्शन पूर्ववत मिलता रहेगा.
आज सुबह जारी अधिसूचना के अनुसार सरकार की तरफ से इसमें बतौर सदस्य कानून मंत्री वीरप्पा मोइली, दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल, गृहमंत्री पी चिदंबरम और जल संसाधन मंत्री सलमान खुर्शीद को नियुक्त किया गया है.
दूसरी तरफ समाज की तरफ से अन्ना हजारे, वरिष्ठ वकील शांतिभूषण, वकील प्रशांत भूषण, उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश संतोष हेगड़े और आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल शामिल हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने कहा ‘हमने इस मामले में एक सरकारी आदेश की मांग की थी. सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ाकर अधिसूचना जारी कर दी.’