रिकी पोंटिंग के आस्ट्रेलियाई टीम में स्थान पर सवाल उठाये जा रहे थे लेकिन उन्होंने भारत के खिलाफ पहले टेस्ट मैच की दोनों पारियों में अर्धशतक जड़कर आलोचकों को करारा जवाब दिया हालांकि यह पूर्व कप्तान इन्हें शतक में तब्दील नहीं कर पाने के कारण निराश है.
पोंटिंग ने दो पारियों में 62 और 60 रन बनाये. उन्होंने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, ‘कुछ रन बनाकर अच्छा लग रहा है लेकिन जब आप 50 रन के पार चले जाते हो तो शीर्ष क्रम का बल्लेबाज होने के कारण बड़ा स्कोर खड़ा करना आपका काम हो जाता है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं निराश हूं कि मैं दोनों परियों में ऐसा नहीं कर पाया. विशेषकर दूसरी पारी में जबकि हमने टीम को संकट से उबारकर अच्छी स्थिति में पहुंचाया. जब मैं आउट हुआ तो हमने दो विकेट और गंवा दिये. चौथे दिन सुबह वास्तव में हमारे लिये बेहद महत्वपूर्ण होगी. हमें माइक हस्सी (नाबाद 79) से बड़ी पारी की दरकार है.’
पोंटिंग ने स्वीकार किया कि भारत को हराने के लिये उनकी टीम को कुछ और रन की जरूरत पड़ेगी. उन्होंने कहा, ‘हम अभी 230 रन आगे हैं और मुझे लगता है कि भारत इतने लक्ष्य को हासिल कर लेगा. हम इसमें और रन जोड़ना पसंद करेंगे.’ गेंदबाजों के इस दिन में भारत ने अपने आखिरी सात विकेट 68 रन के अंदर गंवाये जबकि आस्ट्रेलिया ने आठ विकेट पर 179 रन बनाये हैं.
उन्होंने अपने तेज गेंदबाजों की जमकर तारीफ की. पोंटिंग ने कहा, ‘आस्ट्रेलिया ने दूसरे दिन की तुलना में तीसरे दिन बेहतर लाइन और लेंथ से गेंदबाजी की. हमने आज सुबह बहुत अच्छी गेंदबाजी की. चौथे दिन यदि हम नयी गेंद से फिर से इसी तरह की शुरुआत करते हैं तो फिर से हमारे लिये मौका बन जाएगा.’
यह पूर्व कप्तान नहीं मानता कि मीडिया में आलोचना के कारण उन्हें इस टेस्ट मैच में अच्छा प्रदर्शन करने के लिये उकसाया. उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात की परवाह नहीं करता कि ड्रेसिंग रूम के बाहर लोग क्या कह रहे हैं. यदि मुझे लगता है कि मुझे ड्रेसिंग रूम के भीतर थोड़ा समर्थन मिल रहा है तो वह वास्तव में मेरे लिये काफी मायने रखता है.’
उन्होंने कहा, ‘मेरे लिये प्रेरणा की कमी नहीं थी लेकिन मेरे लिये एक सफल टीम का सफल खिलाड़ी होना ज्यादा महत्वपूर्ण है. पिछले कुछ महीनों से जब सब कुछ मेरे अनुरूप नहीं चल रहा था तब मुझे लोगों का अपार समर्थन मिला. जहां तक नकारात्मकता से भागने का सवाल है तो मुझे नहीं लगता कि मैंने ऐसा किया. यदि किसी लेख से मुझे बेहतर खिलाड़ी बनने में मदद मिलती है तो मैं उसे पढ़ने के लिये तैयार हूं.’