दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ग्रीम स्मिथ ने कहा कि भारत पर तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में दुनिया की नंबर एक टीम होने और यहां की कड़ी परिस्थितियों में जीत की लय बरकरार रखने का भारी दबाव होगा.
बायें हाथ के इस बल्लेबाज का मानना है कि महेंद्र सिंह धोनी की टीम को हाल में सफलताएं मिली है लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आगामी टेस्ट श्रृंखला में अच्छे प्रदर्शन से विश्व स्तर पर उसकी बादशाहत साबित हो जाएगी.
स्मिथ ने कहा, ‘भारत ने हाल में अच्छी सफलताएं हासिल की है लेकिन मेरा मानना है कि यदि आप नंबर एक हैं तो आपको दुनियाभर में जीत की लय बरकरार रखनी होगी. इसमें कोई संदेह नहीं है. आप घरेलू सरजमीं पर जितने मजबूत हो उतना ही विदेश भी होना होगा. मुझे लगता है कि भारत पर इसका दबाव होगा.’
स्मिथ से जब पूछा गया कि क्रिकेट जगत में इसे टेस्ट बादशाहत की जंग माना जा रहा है, उन्होंने कहा, ‘हम भाग्यशाली रहे हैं कि हम पिछले डेढ़ साल में नंबर एक या दो पर रहे. जब आस्ट्रेलिया शीर्ष पर था तब हमारी उससे जंग थी. अब भारत नंबर एक है और हम वास्तव में इस मौके को लेकर रोमांचित हैं.’
उन्होंने कहा, ‘यह बहुत अहम श्रृंखला है और इसके लिये तैयार हैं. इस तरह की श्रृंखला होना बहुत अच्छा है. शीर्ष टीमों से खेलना हमेशा अच्छा रहता है. {mospagebreak}
स्मिथ ने दक्षिण अफ्रीका की परिस्थितियों में वीरेंद्र सहवाग के पिछले रिकार्ड की बात करके दबाव बनाने की रणनीति भी अपनायी. उन्होंने कहा, ‘वह हमारे खिलाफ उपमहाद्वीप में बहुत सफल रहा है लेकिन भारत के यहां के पिछले दौरे के अंतिम टेस्ट मैच में हमने उसे पांचवें या छठे नंबर (असल में सातवें) पर आने के लिये मजबूर कर दिया था. उनकी कुछ कमजोरियां हैं जिन पर उन्हें इस तरह की परिस्थितियों में पार पाना होगा.’
स्मिथ ने कहा, ‘वह बेहतरीन खिलाड़ी है और टीम के बाकी बल्लेबाजों पर से काफी दबाव हटाता है. हमने रणनीति बनायी है लेकिन उन पर अमल करना हमेशा महत्वपूर्ण होता है. आशा है कि हम सहवाग को जल्दी आउट करके बाकी टीम पर दबाव बनाने में सफल रहेंगे.’
दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ने हालांकि अपने साथियों को भी आगाह किया और कहा कि वर्तमान भारतीय टीम दुनिया में सबसे अधिक अनुभवी है और किसी भी तरह की परिस्थितियों से सामंजस्य बिठा सकती है.
उन्होंने कहा, ‘इस सवाल का जवाब देना हमेशा मुश्किल होता है कि यह सर्वश्रेष्ठ भारतीय टीम है लेकिन यह सबसे अनुभवी भारतीय टीम है. इसमें से कई खिलाड़ियों ने दुनिया भर में क्रिकेट खेली है और इसलिए उन्हें काफी अनुभव है. उन्हें पता है कि परिस्थितियों से कैसे सामंजस्य बिठाना है. कल कोई कह रहा था सचिन (तेंदुलकर) पहली बार 1992 में यहां आये थे. शायद वे दक्षिण अफ्रीका के विकेटों के बारे में मुझसे अधिक जानते होंगे.’