इस सत्र में हुए विवादों से स्तब्ध आईपीएल अधिकारी फ्रेंचाइजी मालिकों के लिये कड़े दिशा निर्देश जारी करेंगे ताकि इस टी20 क्रिकेट लीग की ब्रांड छवि खराब ना हो.
इस साल आईपीएल में भले ही भारी भीड़ उमड़ी हो लेकिन कई विवादों का साया इस लीग पर पड़ा जिनमें फ्रेंचाइजी मालिक से लेकर खिलाड़ी तक शामिल थे. एक खिलाड़ी पर छेड़छाड़ का आरोप लगा तो मुंबई में स्टेडियम अधिकारियों की एक टीम के मालिक से ठन गई.
आईपीएल प्रमुख राजीव शुक्ला ने स्वीकार किया कि नकारात्मक खबरों के कारण ब्रांड आईपीएल की छवि को नुकसान होने का खतरा था लेकिन अब हालात दुरूस्त हो गए हैं. उन्होंने कहा कि वह फ्रेंचाइजी मालिकों से बात करके सुनिश्चित करेंगे कि आगे ऐसा ना हो.
शुक्ला ने कहा, ‘हम किसी खिलाड़ी को नहीं बचा रहे हैं. हम दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे. हम फ्रेंचाइजी को भी सजग रहने को कहेंगे. उन्हें भी खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखनी होगी.’
उन्होंने कहा, ‘आईपीएल पांच में मुख्य फोकस क्रिकेट पर था. हम खेल के आयोजन को लेकर अधिक चिंतित थे. मेरा लक्ष्य खेल की पवित्रता को बनाये रखना था.’
शुक्ला ने कहा कि दोषी खिलाड़ियों के साथ निपटते समय आईपीएल अधिकारियों का रवैया कड़ा रहेगा.
यह पूछने पर कि क्या विवादों से आईपीएल की छवि को नुकसान पहुंचा है, शुक्ला ने कहा, ‘शुरू में लोगों को ऐसा लगा लेकिन मुझे नहीं लगता कि किसी विवाद का आईपीएल पर असर पड़ा. लोगों से हमें जो प्रतिक्रियायें मिली, उनसे साफ था कि इनका आईपीएल से कोई सरोकार नहीं था.’
उन्होंने कहा, ‘ये विवाद व्यक्तियों तक सीमित थे. कल को हमें कुछ पता चलेगा तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे. वह स्पॉट फिक्सिंग हो या कुछ और.’
शुक्ला ने कहा कि आईपीएल तभी कार्रवाई करेगा जब आरोपों को साबित करने के लिये सबूत हों.
उन्होंने कहा, ‘आप पता नहीं कर सकते कि किसी के दिमाग में क्या चल रहा है. यदि हमें कभी कुछ पता चलेगा तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे. इसमें कोई कोताही नहीं बरती जायेगी.’
उन्होंने कहा, ‘जब हमें स्पॉट फिक्सिंग मामले का पता चला तो हमने पांच खिलाड़ियों को निलंबित कर दिया. उसका हालांकि आईपीएल पांच से कोई सरोकार नहीं था. जांच चल रही है.’
शुक्ला ने कहा, ‘भविष्य में भी यदि कुछ होगा तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे. बीसीसीआई फिक्सिंग के दोषियों को कभी माफ नहीं करता है. जहां तक रेव पार्टी की बात है तो वह निजी पार्टी थी. आईपीएल की कोई आधिकारिक पार्टी नहीं होती.’
बीसीसीआई को आईपीएल से अलग रहने के खेलमंत्री अजय माकन के सुझाव पर उन्होंने कहा, ‘आईपीएल बीसीसीआई की उपसमिति है. यह बोर्ड की घरेलू लीग है. इसे अलग नहीं किया जा सकता. बीसीसीआई के प्रयासों से ही आईपीएल फला फूला है.'
शुक्ला ने कहा, ‘यह वैसे ही होगा जैसे भारतीय खेल प्राधिकरण को खेल मंत्रालय से काट दिया जाये. यह नहीं हो सकता. माकन इसके खिलाफ कुछ भी कह सकते हैं. हमें उनके खिलाफ कुछ नहीं कहना है.’
उन्होंने यह भी कहा कि बीसीसीआई को आरटीआई के अधीन आने की कोई जरूरत नहीं है. माकन ने ही यह सुझाव दिया है.
उन्होंने कहा, ‘बीसीसीआई ने अपनी सालाना आमसभा में रखे गए खातों का ब्यौरा मीडिया को दे दिया है. संसद में सभी सवालों के जवाब दिये हैं. इसे आरटीआई के अधीन लाने के लिये पहले आरटीआई के नियम बदलने होंगे.’
शुक्ला ने कहा, ‘इसके नियमों के तहत यदि कोई संगठन सरकार से अनुदान नहीं लेता है तो उसे आरटीआई के दायरे में नहीं लाया जा सकता है. यदि आप निजी कंपनियों को आरटीआई के अधीन लायेंगे तो हमें भी आने में कोई ऐतराज नहीं होगा.’