यूपी में राष्ट्रपति शासन वाले विवादित बयान के बाद केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल और कांग्रेस पार्टी मुश्किल में नजर आ रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक, चौतरफा आलोचनाओं के बाद अब कांग्रेस आलाकमान ने श्रीप्रकाश जायसवाल से सफाई मांगी है कि उन्होंने विवादास्पद बयान क्यों दिया? जायसवाल से यह पूछा गया है कि ऐसे में जबकि यूपी में चुनाव का पांचवां दौर चल रहा है, उन्होंने किस तरह ऐसा बयान दिया, जिसके कई मतलब निकाले जा रहे हैं.
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने एक बयान देकर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है. श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा कि अगर यूपी में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिलता है, तो वहां राष्ट्रपति शासन लगेगा.
पांचवें चरण के चुनाव में कानपुर में अपना वोट डालने के बाद श्रीप्रकाश जायसवाल ने यह बयान दिया. उनके बयान का मतलब यह निकाला जा रहा है कि अगर यूपी में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिलता है, तो वह पिछले दरवाजे से सत्ता पर काबिज होने का पुरजोर प्रयास करेगी.
श्रीप्रकाश जायसवाल ने एक कदम आगे बढ़कर यह भी कह दिया कि अगर विधायक चाहें, तो वे मुख्यमंत्री बनने को तैयार है.
श्रीप्रकाश जायसवाल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा के अखिलेश यादव ने कहा कि धमकी से लोकतंत्र नहीं चलता है. दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने अपना वोट डालने के बाद पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर उनकी पार्टी में कोई मतभेद नहीं है. शिवपाल यादव ने दावा किया कि समाजवादी पार्टी को 200 से 250 सीटें मिलने जा रही हैं.