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ओझा को बाहर रखना बड़ी गलतीः सौरव गांगुली

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को लगता है कि भारत को आस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में दो स्पिनरों के साथ उतरना चाहिए था क्योंकि यहां की परिस्थितियां काफी हद तक उपमहाद्वीप की तरह हैं.

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सौरव गांगुली
सौरव गांगुली

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को लगता है कि भारत को आस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में दो स्पिनरों के साथ उतरना चाहिए था क्योंकि यहां की परिस्थितियां काफी हद तक उपमहाद्वीप की तरह हैं.

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पहले दिन कप्तान माइकल क्लार्क ने नाबाद 140 और रिकी पोटिंग ने नाबाद 137 रन बनाये जिससे आस्ट्रेलिया ने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक तीन विकेट पर 335 रन बनाये. गांगुली ने कहा कि भारत के कार्यवाहक कप्तान वीरेंद्र सहवाग ने बायें हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा को बाहर रखकर गलती की. गांगुली ने ‘द ऐज’ में अपने कालम में लिखा है, ‘सुबह पिच देखने के बाद मुझे लगा कि भारत को दो स्पिनरों के साथ उतरना चाहिए क्योंकि तीन तेज गेंदबाज आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर दबाव नहीं बना पाये.’

उन्होंने कहा, ‘भारतीय तेज गेंदबाजों ने विकेट भी नहीं लिये और वह रनों का प्रवाह भी नहीं रोक पाये और इसलिए प्रज्ञान ओझा को इस पिच पर उतारना सही रहता. मेलबर्न, सिडनी और पर्थ की पिचों में काफी मूवमेंट था लेकिन यह उपमहाद्वीप की परिस्थितियों के काफी करीब है.

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वह (ओझा) हर तरह की परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करता है और उसे इस मैच में खेलना चाहिए था. जिस तरह की गर्मी है उसमें यह पिच टर्न लेना शुरू कर देगी.’ आर अश्विन के शुरू में दो विकेट लेने का उदाहरण पेश करते हुए क्रिकेटर से कमेंटेटर बने गांगुली ने कहा कि ओझा इस पिच पर सहवाग के लिये अच्छे विकल्प हो सकते थे. उन्होंने कहा, ‘अश्विन ने टेस्ट मैच के पहले दिन इतने अधिक ओवर किये जो साफ संकेत है कि ओझा इस पिच पर काफी फायदेमंद साबित होता.’

बायें हाथ के इस पूर्व बल्लेबाज ने क्लार्क और पोंटिंग की भी तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘इससे पहले सिडनी में भी उन्होंने इसी तरह की परिस्थितियों में भारत को आहत किया था. पोंटिंग ने पूरी श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन उन्होंने यह सबसे अच्छी बल्लेबाजी की. यह उनका पसंदीदा मैदान है तथा वह यहां भारत के खिलाफ लगातार चार शतक जमा चुके हैं जो उल्लेखनीय उपलब्धि है.’

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