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भारत ने द.अफ्रीका को 87 रनों से हराया

वीवीएस लक्ष्मण की कलाईयों की जादूगरी से लिखी गयी इबारत को गेंदबाजों ने यहां बखूबी अंजाम तक पहुंचाकर भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में 87 रन की जोरदार जीत और तीन मैच की श्रृंखला में 1-1 से बराबरी दिलायी.

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वीवीएस लक्ष्मण की कलाईयों की जादूगरी से लिखी गयी इबारत को गेंदबाजों ने यहां बखूबी अंजाम तक पहुंचाकर भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में 87 रन की जोरदार जीत और तीन मैच की श्रृंखला में 1-1 से बराबरी दिलायी.

भारत का 303 रन का लक्ष्य किंग्समीड की असमान उछाल लेती पिच पर दक्षिण अफ्रीका के लिये पहाड़ जैसा बन गया और उसकी पूरी टीम इस कम स्कोर वाले मैच के चौथे दिन दूसरे सत्र में 215 रन पर सिमट गयी. जहीर खान और एस श्रीसंत ने तीन-तीन जबकि हरभजन सिंह ने दो विकेट लिये.

इस तरह से भारत ने सेंचुरियन में पहले टेस्ट मैच में पारी और 125 रन की करारी हार का बदला चुकता करने के साथ ही यह सुनिश्चित कर दिया कि इस श्रृंखला के बाद ही नहीं बल्कि चोटी की टीमों को मिलने वाली पुरस्कार राशि के लिये आईसीसी की तय समयसीमा एक अप्रैल तक उसका नंबर एक का ताज सुरक्षित रहेगा. दक्षिण अफ्रीका को इस बार भी दूसरे नंबर से ही संतोष करना पड़ेगा.

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भारत की यह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कुल सातवीं और उसकी सरजमीं पर दूसरी जीत है. इससे पहले उसने दिसंबर 2006 में जोहानिसबर्ग में पहला टेस्ट मैच 123 रन से जीता था.

दक्षिण अफ्रीका ने सुबह जब तीन विकेट 111 रन से आगे खेलना शुरू किया तो दोनों टीमों का पलड़ा बराबरी पर लग रहा था लेकिन कल के अविजित बल्लेबाज जाक कैलिस (17) और एबी डिविलियर्स (33) के आउट होते ही भारत की जीत तय लगने लगी थी.

कैलिस और डिविलियर्स दोनों ही सुबह सहजता से नहीं खेल पाये. इन दोनों के बीच चौथे विकेट के लिये 41 रन की साझेदारी श्रीसंत ने तोड़ी. उन्होंने कैलिस को शार्ट पिच गेंद की जिसे इस अनुभवी बल्लेबाज ने छोड़ना चाहा लेकिन वह उनके दस्तानों से लगकर गली में वीरेंद्र सहवाग के हाथों में चली गयी.{mospagebreak}

कैलिस को बाद में अपनी उंगलियों का एक्सरे करवाना पड़ा लेकिन उन्हें किसी तरह की चोट नहीं है और वह केपटाउन में दो जनवरी से शुरू होने वाले तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच में खेलेंगे.

लग रहा था कि भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अच्छी रणनीति के साथ मैदान पर उतरे थे क्योंकि उन्होंने शुरू में ही दूसरे छोर से हरभजन को गेंद सौंपकर उनसे लगातार गेंदबाजी करवायी.

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धोनी की यह रणनीति कारगर रही और हरभजन ने दूसरे खतरनाक बल्लेबाज डिविलियर्स (33) को पगबाधा आउट करके भारतीय खेमे में खुशी की लहर दौड़ा दी. डिविलियर्स अंपायर के इस फैसले से खुश नहीं थे और टीवी रीप्ले से भी लगा कि इस दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज का भाग्य ने साथ नहीं दिया.

राउंड द विकेट गेंदबाजी कर रहे हरभजन आफ और मिडिल स्टंप के बीच में गेंद करायी जो उछाल लेती हुई विकेटों के आगे डिविलियर्स के पैड से टकरायी. अंपायर असद राउफ ने तुरंत उंगली उठा दी लेकिन रीप्ले में दिखा कि गेंद स्टंप के उपर से बाहर निकल रही थी.

जहीर ने इसके बाद डेल स्टेन (10) को आउट करके भारत को जीत के करीब ला दिया. स्टेन ने ड्राइव करने का प्रयास किया लेकिन गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर तीसरी स्लिप में चेतेश्वर पुजारा के हाथों में समा गयी. बायें हाथ के इस गेंदबाज ने लंच के बाद पाल हैरिस (7) को जल्द ही पवेलियन भेज दिया जो तेजी से मूव करती गेंद को नहीं समझ पाये और बोल्ड हो गये.{mospagebreak}

प्रिंस के साथ मोर्ने मोर्कल (20) ने लगभग 12 ओवर तक विकेट नहीं गिरने दिया और इस बीच नौवें विकेट के लिये 33 रन की साझेदारी की. इशांत शर्मा ने 71वें ओवर में मोर्कल को सहवाग हाथों कैच करा दिया था लेकिन तब गेंदबाज का पांव क्रीज से आगे होने के कारण यह नोबाल हो गयी थी.

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सहवाग इससे झल्ला गये थे लेकिन इशांत ने अगली सफलता के लिये टीम को अधिक इंतजार नहीं कराया और अपने अगले ओवर में मोर्कल को धोनी के हाथों कैच करा दिया. इसके एक गेंद बाद ही पुजारा के बेहतरीन प्रयास से लोनवाबो सोतसोबे के रन आउट होने से भारत ने जीत की औपचारिकता पूरी की.

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