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भारत के लिए आसान नहीं होगा दक्षिण अफ्रीकी गढ़ में सेंध लगाना

महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में लगातार दमदार प्रदर्शन के बाद दक्षिण अफ्रीका दौरे पर पहुंची टीम इंडिया के लिए इस ‘अंतिम किले’ को फतह करना आसान नहीं होगा क्योंकि 16 दिसंबर से जिस सेंचुरियन के सुपरस्पोर्ट्स पार्क को पहले टेस्ट में भारत की मेजबानी करनी है वह दक्षिण अफ्रीका का गढ़ रहा है.

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महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में लगातार दमदार प्रदर्शन के बाद दक्षिण अफ्रीका दौरे पर पहुंची टीम इंडिया के लिए इस ‘अंतिम किले’ को फतह करना आसान नहीं होगा क्योंकि 16 दिसंबर से जिस सेंचुरियन के सुपरस्पोर्ट्स पार्क को पहले टेस्ट में भारत की मेजबानी करनी है वह दक्षिण अफ्रीका का गढ़ रहा है.

इतना ही नहीं भारत के लिए यह भी बुरी खबर कि उसे इस मैदान पर कभी कोई टेस्ट नहीं खेला है. लेकिन टीम इंडिया ने यहां नौ एकदिवसीय मैच खेले हैं जिसमें उसका प्रदर्शन मेजबान के खिलाफ अच्छा रहा है.

सुपरस्पोर्ट्स पार्क पर दक्षिण अफ्रीका के दबदबे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने यहां खेले 15 टेस्ट में से 11 में जीत दर्ज की जबकि केवल एक बार उसे शिकस्त का सामना करना पड़ा. तीन मैच बराबरी पर छूटे.

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इतना ही नहीं दक्षिण को इस मैदान पर जनवरी 2000 के बाद शिकस्त का सामना नहीं करना पड़ा है. यानी एक दशक से भी अधिक समय से मेजबान टीम इस मैदान पर अजेय रही है. इस दौरान दक्षिण अफ्रीका ने 10 टेस्ट खेले जिसमें से उसने आठ में जीत दर्ज की जबकि दो बराबरी पर छूटे.{mospagebreak}

दूसरी तरफ भारत ने इस मैदान पर कभी कोई टेस्ट नहीं खेला है लेकिन उसने यहां नौ एकदिवसीय मैच खेले हैं और यह अनुभव अहम हो सकता है. इन नौ मैचों में से भारत ने चार में जीत का स्वाद चखा जबकि इतने ही मैचों में उसे हार का मुंह देखना पड़ा. एक मैच बेनतीजा रहा.

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हालांकि वनडे मैचों में यहां भारत का पलड़ा भारी रहा है. दोनों टीमों के बीच यहां हुए तीन मैचों में से मेहमान टीम ने दो में जीत दर्ज की जबकि मेजबान टीम ने एक बार बाजी मारी.

इस मुश्किल दौरे पर भारत की बल्लेबाजी का दारोमदार मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और वीरेंद्र सहवाग की अनुभवी चौकड़ी पर होगा जिन्हें दक्षिण अफ्रीका में खेलने का अच्छा खासा अनुभव है. सुपर स्पोर्ट्स पार्क की बात करें तो तेंदुलकर ने यहां नौ वनडे में 39 . 12 की औसत से 313 रन बनाये हैं जबकि द्रविड़ ने तो बेजोड़ प्रदर्शन करते हुए सात मैचों में 60 की औसत से 240 रन जुटाएं हैं और टीम को इन दोनों के अलावा सहवाग और लक्ष्मण के अनुभव की भी दरकार होगी.

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इन चारों के अलावा बल्लेबाजी में गौतम गंभीर, सुरेश रैना और धोनी से भी काफी उम्मीदें होंगी जबकि मुरली विजय को भी मौका मिल सकता है.{mospagebreak}

भारत के लिए हालांकि जाक कैलिस, मार्क बाउचर, एश्वेल प्रिंस, एबी डिविलियर्स, हामिश अमला और ग्रीम स्मिथ जैसे अनुभवी दक्षिण अफ्रीका बल्लेबाजों से पार पाना आसान नहीं होना जिन्होंने यहां जमकर रन बटोरे हैं.

कैलिस ने यहां 14 मैचों में 60 से अधिक की औसत से 1035 रन बनाये हैं जबकि बाउचर (591), प्रिंस (542), डिविलियर्स (517), अमला (428) और स्मिथ (371) ने भी ढेरों रन बटोरे हैं.

गेंबदाजों में केवल जहीर खान और हरभजन को यहां गेंदबाजी का अनुभव है जिन्होंने क्रमश: पांच और छह मैचों में नौ और सात विकेट चटकाये हैं.

दूसरी तरफ भारतीय बल्लेबाजों को डेल स्टेन, मोर्न मोर्कल और कैलिस की तूफानी गेंदों का सामना करना होग जो यहां काफी सफल रहे हैं. कैलिस ने यहां 14 मैचों में 29 जबकि स्टेन ने सिर्फ तीन मैचों में 18 विकेट चटकाये हैं. मोर्कल के नाम दो मैचों में नौ विकेट दर्ज हैं.

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