भारत ने चार साल पहले भले ही दक्षिण अफ्रीका में श्रृंखला जीतकर इतिहास रचने का मौका गंवा दिया था लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि रविवार से शुरू होने वाले तीसरे और निर्णायक टेस्ट मैच में टीम यह उपलब्धि हासिल करने के लिये कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
धोनी ने मैच की पूर्व संध्या पर संवाददाताओं से कहा, ‘हमारी इस टीम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि हम जानते हैं कि हम दक्षिण अफ्रीका में श्रृंखला जीत सकते हैं. हमारे पास इतिहास रचने का मौका है. दिसंबर 2006 में जोहानिसबर्ग में पहला टेस्ट मैच जीतने के बाद हमारे पास ऐसा मौका था जबकि हमने दक्षिण अफ्रीका में पहला टेस्ट मैच जीता था.’
धोनी ने कहा, ‘दक्षिण अफ्रीका में सफलता हासिल करने के लिये हमारे पास प्रतिभा और जज्बा है. जो बीत गया वह पुरानी बात है. हमारे पास अगले पांच दिन हैं जो बेहद महत्वपूर्ण हैं.’ भारत चार साल पहले भी इसी तरह की स्थिति में न्यूलैंड्स पहुंचा था. तब भी श्रृंखला 1-1 से बराबर थी. दक्षिण अफ्रीका ने तब निर्णायक मैच पांच विकेट से जीतकर श्रृंखला अपने नाम कर ली थी और इस तरह से भारत ने इस देश में पहली श्रृंखला जीतने का स्वर्णिम मौका गंवा दिया था. {mospagebreak}
लेकिन धोनी का मानना है कि इस बार टीम का माहौल बदला हुआ है. टीम चार साल पहले की तुलना में अधिक आत्मविश्वास से भरी है और उन्हें जीत का पूरा भरोसा है. भारतीय कप्तान ने कहा, ‘वे अपनी क्रिकेट का लुत्फ उठा रहे हैं तथा वे प्रत्येक अभ्यास सत्र का मजा लेते हैं. यह पूर्ण और ऐसा ड्रेसिंग रूम लगता है जहां माहौल बेहद खुशनुमा है. इसका श्रेय सभी को जाता है जिसमें कोच और सहयोगी स्टाफ के अन्य लोग भी शामिल हैं.’
धोनी ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में परिस्थितियां एकदम से बदलती हैं और इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘दक्षिण अफ्रीका में खेल एकदम से बदलता है. भारत में हम मानते हैं कि खेल में चौथे या पांचवें दिन बदलाव आता है लेकिन यहां किसी भी समय खेल बदल सकता है. आप किसी भी सत्र में चार विकेट गंवा सकते हो और इसी तरह से दो जमे हुए बल्लेबाज तेजी से रन बना सकते हैं. हमने एक दिन में 400 से अधिक का स्कोर बनते हुए देखा है.’
उन्होंने कहा कि लय बनाये रखना महत्वपूर्ण है लेकिन इससे भी ज्यादा अहम अच्छी शुरुआत है. किसी भी मैच में शुरुआत बेहद महत्वपूर्ण होती है. बेशक लय बनाये रखना भी महत्वपूर्ण है लेकिन यदि यह इतना ही महत्वपूर्ण होता तो फिर कोई टीम एक मैच जीतने के बाद लगातार मैच नहीं गंवाती.’ {mospagebreak}
भारतीय कप्तान ने हालांकि तुरंत ही दबाव वाली अपनी ही बात नकार दी और कहा कि भारतीय टीम को खासे दबाव में खेलने का अनुभव है. उन्होंने कहा, ‘भारतीय टीम कभी बिना दबाव के नहीं खेलती. इस टीम की यह खासियत है कि हम दबाव को जिम्मेदारी के रूप में देखते हैं.’
धोनी से जब पूछा गया कि क्या टॉस की भूमिका अहम होगी, उन्होंने कहा, ‘काफी कुछ इस पर निर्भर करता है कि विकेट कैसा है. यदि इसमें नमी है तो टॉस अहम होगा. इससे विपक्षी टीम को आउट करने का अतिरिक्त मौका मिलेगा. यदि आप टॉस में विश्वास नहीं करते तो फिर इसके तहत होने वाली किसी भी चीज में विश्वास नहीं कर सकते. यदि हम टॉस जीतते हैं तो अच्छा रहेगा. गेंदबाजों को उन्हें आउट करने के लिये दो महत्वपूर्ण घंटे मिल जाएंगे.’
ग्रीम स्मिथ ने भले ही अंपायर रेफरल प्रणाली का उपयोग करने की वकालत की हो लेकिन धोनी का अब भी कहना है कि वह भी आश्वस्त नहीं है कि इस प्रणाली में कोई गलती नहीं होगी. उन्होंने कहा, ‘अंपायरों की गलतियां हमेशा क्रिकेट का हिस्सा रही हैं. वहां खड़े होने वाले दो भद्रजन गलतियां करेंगे और ऐसा हमारे साथ भी हुआ है. यह दूसरों के साथ भी हुआ है. यदि इंसान गलती ही नहीं करेगा तो फिर कोई भी बल्लेबाज आउट नहीं होगा और किसी भी गेंदबाज पर चौका नहीं लगेगा.’ धोनी ने कहा, ‘जब तक यह सुनिश्चित नहीं हो जाता कि इससे कोई गलत फैसला नहीं आएगा हम इसके पक्ष में नहीं हैं.’