टेस्ट श्रृंखला में वेस्टइंडीज को हराने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम अब मंगलवार से शुरू हो रही एकदिवसीय क्रिकेट श्रृंखला में भी अपना दबदबा बनाये रखने के इरादे से उतरेगी. भारत 50 ओवरों के प्रारूप में विश्व चैम्पियन है और उसका इरादा पांच मैचों की श्रृंखला 5-0 से जीतने का होगा.
इंग्लैंड को हाल ही में उसने इतने ही अंतर से हराया था. ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले महेंद्र सिंह धोनी को आराम दिया गया है जिनकी जगह वीरेंद्र सहवाग कप्तान होंगे. वह दो अप्रैल को हुए विश्वकप फाइनल के बाद पहला वनडे मैच भी खेलेंगे.
कान की समस्या के कारण इंग्लैंड के खिलाफ वनडे श्रृंखला नहीं खेल सके सहवाग ने हाल ही में संपन्न टेस्ट श्रृंखला के जरिये वापसी की हालांकि बड़ी पारियां नहीं खेल सके. दिल्ली के 33 वर्षीय इस बल्लेबाज ने सात मैचों में टीम की कप्तानी करके चार जीते हैं. कप्तान के तौर पर उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 44 रन रहा है. सहवाग ने आखिरी बार 2009 में कोलकाता में श्रीलंका के खिलाफ भारतीय टीम की कप्तानी की थी. भारत ने उस समय 316 रन के लक्ष्य का पीछा करके जीत दर्ज की थी.
विराट कोहली, सुरेश रैना और रोहित शर्मा मध्यक्रम के तीन स्तंभ होंगे और यदि तीनों फार्म में रहे तो भारत को बड़ा स्कोर मिलना तय है. रविवार को ही 25 बरस के हुए रैना ने हाल ही में रणजी ट्राफी में पंजाब के खिलाफ नाबाद 204 रन बनाये थे. तीनों प्रारूप में शतक बना चुके रैना अपनी उपयोगिता फिर साबित करना चाहेंगे. रणजी मैचों में रेलवे के खिलाफ 175 और राजस्थान के खिलाफ 100 रन बना चुके रोहित ने चोट के बाद वनडे टीम में वापसी की है.
बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी ने दो रणजी मैचों में दोहरा शतक और शतक जड़कर अपनी जगह बरकरार रखी. अजिंक्य रहाणे भी टीम में है लेकिन भारत के श्रृंखला जीतने तक उन्हें अंतिम एकादश में जगह मिलना मुश्किल है. धोनी की गैर मौजूदगी में पार्थिव पटेल विकेटकीपिंग का जिम्मा संभालेंगे. मध्यक्रम में टीम को स्टार खिलाड़ी युवराज सिंह की कमी खलेगी जो फेफड़े में ट्यूमर से जूझ रहे हैं.
सचिन तेंदुलकर, युवराज और धोनी के बिना भी बल्लेबाजी ही भारत की ताकत है. भारत के पास नौवें नंबर तक बल्लेबाजी करने में सक्षम खिलाड़ी हैं. हरफनमौला रविंदर जडेजा के अलावा आफ स्पिनर आर अश्विन भी इसकी बानगी पेश कर चुके हैं. टेस्ट मैच में शतक जमा चुके अश्विन ने भारतीय बल्लेबाजी को और गहराई दी है. गेंदबाजी में भी वह 22 विकेट लेकर मैन आफ द सीरिज रहे. प्रज्ञान ओझा ने उनका बखूबी साथ निभाते हुए 20 विकेट लिये.
गेंदबाजी में उमेश यादव और वरूण आरोन भी प्रतिभाशाली है जो ईशांत शर्मा का साथ देंगे. वेस्टइंडीज पिछले वनडे में बांग्लादेश के खिलाफ 61 रन पर आउट हो गई थी. स्पिनरों को बखूबी नहीं खेल पाने वाले कैरेबियाई बल्लेबाजों की इस कमजोरी का मेजबान गेंदबाज फायदा उठाने की कोशिश करेंगे. दूसरी पारी में ओस की भूमिका अहम हो सकती है लिहाजा भारत टास जीतकर क्षेत्ररक्षण का फैसला करेगा. पिछले दो मैचों में भारत ने ऐसा ही किया है.
क्यूरेटर पंकज पटनायक ने 300 के करीब स्कोर का अनुमान लगाते हुए कहा, ‘हम एहतियात के तौर पर सारे कदम उठायेंगे लेकिन ओस की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता.’ टेस्ट श्रृंखला में अनुभव की कमी से जूझने वाली कैरेबियाई टीम को वनडे श्रृंखला के जरिये प्रतिष्ठा बचाने का मौका मिला है. भारत आने से पहले उसने बांग्लादेश को 2-1 से हराया था हालांकि चटगांव में आखिरी मैच में पूरी टीम 61 रन पर आउट हो गई थी.
सलामी बल्लेबाज लैंडल सिमंस की वापसी से कैरेबियाई बल्लेबाजी मजबूत होगी. सिमंस चोट के कारण बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी वनडे और भारत के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला नहीं खेल सके थे. भारत के खिलाफ जून में पांच वनडे में 177 रन बनाने वाले सिमंस का साथ एड्रियन बराथ देंगे. मध्यक्रम में डेरेन ब्रावो हैं जो भारत के खिलाफ तीन टेस्ट में दो शतक जमा चुके हैं. मलरेन सैमुअल्स का अनुभव भी कारगर साबित होगा. कीरोन पोलार्ड, आंद्रे रसेल और कप्तान डेरेन सैमी जैसे हरफनमौला भी टीम में हैं. गेंदबाजी में रवि रामपाल और केमार रोच नयी गेंद संभालेंगे जबकि स्पिन का जिम्मा आफ स्पिनर सुनील नरेन और लेग स्पिनर एंथोनी मार्टिन पर होगा.
टीमें इस प्रकार हैं:
भारत: वीरेंद्र सहवाग (कप्तान), गौतम गंभीर, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, सुरेश रैना, रविंदर जडेजा, पार्थिव पटेल, आर अश्विन, प्रवीण कुमार, विनय कुमार, उमेश यादव, वरूण आरोन, रोहित शर्मा, मनोज तिवारी और राहुल शर्मा.
वेस्टइंडीज: डेरेन सैमी (कप्तान), लैंडल सिमंस, एड्रियन बराथ, डेंजा हयात, मर्लोन सैमुअल्स, डेरेन ब्रावो, दिनेश रामदीन, कीरोन पोलार्ड, आंद्रे रसेल, एंथोनी मार्टिन, जासन मोहम्मद, सुनील नरेन, कीरोन पावेल, रवि रामपाल और केमार रोच.