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‘मानसिक थकान’ से पीड़ित हैं भारतीय खिलाड़ी: अपटन

भारत के पूर्व मानसिक अनुकूलन कोच पैडी अपटन का मानना है कि अगर कोई टीम लगातार खेलती है तो उसके खिलाड़ी ‘मानसिक थकान’ का शिकार होने लगते हैं और भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों के साथ ऐसा ही हो रहा है.

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टीम इंडिया पर मानसिक थकान हावी
टीम इंडिया पर मानसिक थकान हावी

भारत के पूर्व मानसिक अनुकूलन कोच पैडी अपटन का मानना है कि अगर कोई टीम लगातार खेलती है तो उसके खिलाड़ी ‘मानसिक थकान’ का शिकार होने लगते हैं और भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों के साथ ऐसा ही हो रहा है.

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अपटन ने कहा, ‘मौजूदा कार्यक्रम खिलाड़ियों से मशीन की तरह काम करवाता है. हम खिलाड़ियों पर शारीरिक असर का अंदाजा लगा सकते हैं लेकिन उस मानसिक थकान का अनुमान लगाना मुश्किल है जिसका अनुभव खिलाड़ियों को प्रत्येक दबाव वाले मैच के लिए मैदान पर उतरने के दौरान करना पड़ता है.’

इंग्लैंड के मौजूदा दौरे के बाद भारत को इसी टीम के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर एकदिवसीय श्रृंखला खेलनी है. इसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ स्वदेश में पूरी श्रृंखला का आयोजन होगा जिसके बाद टीम को आस्ट्रेलिया के मुश्किल दौरे पर जाना है.

महेंद्र सिंह धोनी, सचिन तेंदुलकर, जहीर खान, सुरेश रैना, विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों को इस बीच चैम्पियन्स लीग ट्वेंटी20 टूर्नामेंट में भी खेलना है.

अपटन यह कहने से भी नहीं हिचकिचाए कि विश्व कप का भी खिलाड़ियों पर असर पड़ा है. उन्होंने कहा, ‘विश्व कप व्यस्त प्रकिया है, इस टूर्नामेंट की तैयारी और सात हफ्ते तक इसे खेलना दोनों. यह काफी लंबा टूर्नामेंट है. खिलाड़ियों पर शारीरिक बोझ पड़ता है, मुझे नहीं लगता कि खिलाड़ियों को अहसास है कि उन पर कितना भार है.’

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अपटन ने कहा, ‘मैंने युवराज सिंह ने बात की जिसने कहा कि वह विश्व कप के बाद लगभग दो हफ्ते तक बीमार रहा. मुझे पता है कि कई ऐसे खिलाड़ी थे जो विश्व कप के बाद मानसिक तौर पर थके हुए थे.’ भारतीय खिलाड़ियों की चोटें विश्व कप और इसके तुरंत बाद सामने आने लगी.

अपटन ने कहा कि अत्याधिक क्रिकेट के कारण अचानक की भारत के हाई प्रोफाइल क्रिकेटर औसत खिलाड़ी लगने लगे. उन्होंने साथ ही खुलासा किया कि उन्होंने पूर्व कोच गैरी कर्स्टन के साथ मिलकर एक बार भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) से खिलाड़ियों की थकान पर बात की थी और उन्हें सर्वश्रेष्ठ स्तर पर रखने के सुझाव दिये थे.

अपटन ने कहा, ‘भारतीय बोर्ड ने भारत में टेस्ट मैचों के दौरान खिलाड़ियों को घर जाने की स्वीकृति देने, एकदिवसीय श्रृंखला के दौरान खिलाड़ियों को मैच में नहीं खेलने की स्वीकृति देने जैसे सुझाव स्वीकार किये थे जिससे कि योजना बनाकर खिलाड़ियों को आराम दिया जा सके.’

कप्तान महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ियों के लिए हालांकि कप्तान के रूप में उनकी जिम्मेदारी के कारण ब्रेक लेना काफी मुश्किल है और प्रायोजक भी चाहते हैं कि वे सभी श्रृंखलाओं में खेले, फिर वह अहम हो या नहीं.

अपटन ने कहा, ‘प्रायोजकों और राजस्व लाने वालों के लिए यह आदर्श स्थिति है कि अत्यधिक क्रिकेट खेला जाए लेकिन यह खेल की गुणवत्ता के लिए आदर्श नहीं है. ऐसा लगता है कि कई अन्य चीजें कार्यक्रम पर हावी हो रही हैं.’

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