आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में 0-4 की हार के दौरान जुझारूपन दिखाने में नाकाम रहने के लिए आलोचना का शिकार भारतीय क्रिकेट टीम का बचाव करने का प्रयास करते हुए कार्यवाहक कप्तान वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय टीम को इस तरह की दुर्दशा का सामना करना पड़ता है.
एडिलेड ओवल में टीम के 298 रन की शिकस्त के साथ श्रृंखला 0-4 से गंवाने के बाद सहवाग ने प्रशंसकों और मीडिया से अपील की कि वे उस समय टीम का समर्थन करें जब वे मुश्किल में हैं.
पिछले साल इंग्लैंड के बाद अब आस्ट्रेलिया के हाथों शिकस्त के साथ लगातार दो विदेशी श्रृंखलाओं के क्लीनस्वीप के बाद सहवाग ने कहा, ‘अगर आप देखों तो आस्ट्रेलिया के साथ भी ऐसा ही हुआ, वे एशेज हार गए और दक्षिण अफ्रीका में सिर्फ 47 रन पर ढेर हो गए. यह प्रत्येक टीम के साथ होता है.’
भारत के कार्यवाहक कप्तान ने कहा, ‘प्रशंसक और मीडिया हमारे प्रदर्शन से नाराज होंगे, मैं इससे सहमत हूं. लेकिन यह ऐसा समय है जब प्रशसंकों को टीम और खिलाड़ियों का समर्थन करना चाहिए. यह ऐसा समय है जब हमें प्रशंसकों के समर्थन की जरूरत है और सभी को टीम का समर्थन करना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘जब हमने विश्व कप जीता तो सभी खुश थे और टीम इंडिया का उत्साह बढ़ा रहे थे. इस समय हमें समर्थन की जरूरत है. सभी मीडिया ऐसा करता है, भले ही वह इंग्लैंड हो, दक्षिण अफ्रीका या आस्ट्रेलिया. वे इस तरह से आलोचना करते हैं कि खिलाड़ियों का मनोबल नहीं गिरे. वे इस तरह से आलोचना नहीं करते कि लेख पढ़ने और टीवी देखने के बाद टीम और खिलाड़ी का मनोबल गिरे.’
मौजूदा श्रृंखला में गैरजिम्मेदाराना शॉट खेलने और खराब फार्म के लिए सहवाग की भी आलोचना हो रही है लेकिन उन्होंने अपने सीनियर साथियों का बचाव किया जो इस श्रृंखला में नाकाम रहे. उन्होंने कहा, ‘हमने इंग्लैंड में अच्छी बल्लेबाजी नहीं की और यहां भी हमारी बल्लेबाजी अच्छी नहीं थी. हमारे शीर्ष 6-7 बल्लेबाजों ने इतने रन नहीं बनाए कि हमारे गेंदबाज हमें जीत दिला सकें. इंग्लैंड में राहुल द्रविड़ ने तीन शतक बनाए लेकिन यहां सिर्फ विराट कोहली ने शतक बनाया.’
सहवाग ने कहा, ‘हम अपनी 50 रन की साझेदारियों को 100, 200 और 300 रन में नहीं बदल पाए. यह कमी रही. इसके कई उदाहरण है. पहले टेस्ट में जब द्रविड़ और सचिन बल्लेबाजी कर रहे थे जब हम अच्छी स्थिति में थे. अचानक सचिन अच्छी गेंद पर आउट हुए और अगले दिन द्रविड़ भी शुरूआत में आउट हो गए.’ एडिलेड की सपाट पिच पर भारत का प्रदर्शन विशेष रूप से निराशाजनक रहा जबकि सहवाग भी दोनों पारियों में फुलटास पर आउट हुए.
भारत के कार्यवाहक कप्तान ने स्वीकार किया, ‘हां, मैं निराश हूं. पहली पारी में भी मैं फुलटास पर आउट हुआ. जैसे ही मैंने फुलटास देखी मुझे लगा कि यह गेंद चौका या छक्का मारने के लिए है. मैं शाट खेलने का प्रयास किया और आउट हो गया. यह निराशाजनक था लेकिन मैं इसी तरह खेलता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘यह भारतीय विकेट की तरह था जहां आप क्रीज पर उतरते ही रन बना सकते हो. पहले दो दिन गेंदबाजों को कोई मदद नहीं मिल रही थी. यह बताना मुश्किल है कि क्या गलत हुआ.’
उन्होंने कहा, ‘हमने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की. हमने सलामी जोड़ी के रूप में टीम को अच्छी शुरूआत नहीं दी.’ सहवाग ने आस्ट्रेलिया को जीत का श्रेय देते हुए कहा, ‘वे हमसे बेहतर थे इसलिए वे श्रृंखला जीतने में सफल रहे. उन्होंने हमसे बेहतर खेल दिखाया. भारतीय खिलाड़ियों के लिए यह अहम है कि वे विदेशी सरजमीं पर अच्छा प्रदर्शन करें. मैंने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया इसलिए मुझे अपने खेल पर गौर करना होगा और अगले विदेशी दौरे के लिए योजना बनानी होगी.’
उन्होंने कहा, ‘इसका सर्वश्रेष्ठ तरीका है कि जो हुआ उसे भूल जाइए और आगामी मैचों और श्रृंखला पर ध्यान लगाइए. आपको अभ्यास करना होगा, रणनीति बनानी होगी और मैच में इसे अच्छी तरह अंजाम देना होगा.’ सहवाग ने सीनियर खिलाड़ियों का पूरा समर्थन करते हुए कहा कि संन्यास का फैसला पूरी तरह से व्यक्तिगत खिलाड़ियों को होना चाहिए और जूनियर को अपना स्थान अच्छे प्रदर्शन से हासिल करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ साल से हमारी बल्लेबाजी समान है. हमने 2007 से 2009 तक अच्छा प्रदर्शन किया. दुर्भाग्यवश दो बड़ी विदेशी श्रृंखलाओं में हम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए.’ सहवाग ने कहा, ‘हम इन्हें लेकर उत्सुक थे लेकिन अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए और टीम को निराश किया. यह व्यक्तिगत खिलाड़ियों की जिम्मेदारी है कि वे टीम और अपने लिए खेलें और बड़ा स्कोर बनाए, कम से कम 300 से 400 रन का और फिर गेंदबाज अपने काम को अंजाम दे सकत हैं.’
उन्होंने कहा, ‘संन्यास पर टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं को फैसला करना होगा. इसका फैसला मैं या कोई और नहीं कर सकता. अगर उन्हें लगता है कि बदलाव की जरूरत है तो वे ऐसा कर सकते हैं. अगर वे चाहते हैं कि खिलाड़ी जारी रखें और वे अन्य खिलाड़ियों के प्रदर्शन का इंतजार करें तो वे ऐसा भी कर सकते हैं.’
सहवाग का मानना है कि कोच डंकन फ्लैचर पर निशाना साधना अनुचित है. उन्होंने कहा, ‘यह अनुचित है. फ्लेचर अच्छा कोच है. वह बल्लेबाजों को काफी जानकारी देता है, रणनीति बनाता है. खिलाड़ियों ने टीम को निराश किया. सहायक स्टाफ ने नहीं. वे सब कुछ कर रहे हैं, शीर्ष सात.आठ खिलाड़ियों के साथ काफी समय बिता रहे हैं. वे सुनिश्चित कर रहे हैं कि खिलाड़ी प्रदर्शन करें.’