मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर चुनाव आयोग को नोटिस देने की चुनौती देने वाले केन्द्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा कि उन्होंने मुसलमानों का कोटा बढ़ाने का बयान जानबूझकर नहीं दिया था और उनकी जबान फिसल गयी थी.
वर्मा ने कहा कि वह पिछले तीन-चार महीने से रोजाना करीब चार-पांच चुनावी सभाओं को सम्बोधित कर रहे हैं और कभी-कभी वह किस संदर्भ में क्या बात कह जाते हैं, इसका उन्हें ध्यान नहीं रहता.
उन्होंने कहा, ‘हम चुनाव आयोग का सम्मान करते हैं, हर व्यक्ति को करना चाहिये. मैं पिछले चार महीने से रोज चार-पांच जनसभाएं कर रहा हूं. हम कभी-कभी किस संदर्भ में क्या कह जाते हैं.... उसका ज्यादा ध्यान नहीं रहता.’
हालांकि वर्मा ने कहा कि वह कभी कोई अनुचित बात नहीं कहते. गौरतलब है कि केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में अपने सहयोगी कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के नक्शेकदम पर चलते हुए बेनी प्रसाद वर्मा ने भी हाल में मुसलमानों का आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने की बात कहते हुए लगभग चुनौती भरे अंदाज में कहा था कि चाहे इसके लिये चुनाव आयोग उन्हें नोटिस ही क्यों ना दे दे लेकिन आरक्षण जरूर बढ़ाया जाएगा. आयोग ने इस पर वर्मा को नोटिस जारी किया था जिसका उन्होंने शुक्रवार को जवाब दिया है.