भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि मुख्य खिलाड़ियों को लगी चोट से युवाओं को टीम में अपनी उपयोगिता साबित करने का सुनहरा मौका मिला है.
धोनी ने कहा कि खुद पर दबाव डालने की बजाय युवाओं को यह मौका रन बनाने और चयनकर्ताओं को प्रभावित करने के लिये इस्तेमाल करना चाहिये.
उन्होंने कहा, ‘यह उनके लिये अच्छा मौका है लेकिन अतिरिक्त दबाव लेने की जरूरत नहीं है. उन्हें अधिक रन बनाकर चयनकर्ताओं को अधिक विकल्प देने चाहिये. हम विदेश में कई दौरे करते हैं, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया.’
उन्होंने पहले वनडे से पूर्व कहा, ‘यदि यहां अच्छा स्कोर कर सके तो दूसरे खिलाड़ियों पर तरजीह मिलने की संभावना है. उनके लिये यह अच्छा मौका है. थोड़ा दबाव होगा लेकिन यह हमारे पक्ष में रहेगा.’
विश्व कप को ध्यान में रखते हुए धोनी ने कहा कि टीम अहम खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर जोखिम नहीं लेना चाहती और इसके लिये सिताराहीन टीम के साथ भी खेल सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘पिछले साल फरवरी के बाद से हम खिलाड़ियों की फिटनेस समस्याओं से जूझ रहे हैं लेकिन हमें कुछ खिलाड़ियों को बचाकर रखना है. हम विश्व कप से पहले उन्हें खोना नहीं चाहते लिहाजा अभी उनके नहीं खेलने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा.’
{mospagebreak} भारत ने अपनी नंबर एक टेस्ट रैंकिंग पर खरा उतरते हुए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट श्रृंखला 1-1 से बराबर खेली और धोनी ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में अच्छे प्रदर्शन का कारण नयी गेंद के खिलाफ सतर्क रवैया अपनाना है.
उन्होंने कहा, ‘आपको शुरूआत में गेंदबाजों का सम्मान करना होगा. सफेद कूकाबूरा गेंद शुरूआत में मूव करती है, जिसका मतलब है कि अगर आप नयी गेंद से पार पा लेते हो तो गेंद बल्ले पर आसानी से आती है और आप अपने शाट खेल सकते हो.’
धोनी ने कहा, ‘अधिकांश मैदान काफी बड़े नहीं हैं. अगर आप आकार की तुलना करें तो अधिकांश मैदान भारतीय मैदानों के बराबर हैं लेकिन विकेट की प्रकृति के कारण ये छोटे लगते हैं.’
दक्षिण अफ्रीका में पिछली एकदिवसीय श्रृंखला के बारे में याद दिलाने पर धोनी ने कहा कि मौजूदा टीम तब की टीम से पूरी तरह से अलग है.
उन्होंने कहा, ‘हम सभी मैच हार गये थे. आप यहां से आगे ही बढ़ सकते हो लेकिन जैसा कि मैंने कहा कि यह अतीत की बात नहीं है. टेस्ट श्रृंखला 2006 से काफी अलग रही और हम हमेशा ही कहते हैं कि हमारी टीम पूरी तरह से अलग है.’