सचिन तेंदुलकर के महाशतक का इंतजार कर रहे दर्शकों ने फिरोजशाह कोटला में पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के दूसरे दिन रनों की बौछार नहीं बल्कि विकेटों का पतझड़ देखा जिसमें भारत की जगप्रसिद्ध बल्लेबाजी के शर्मनाक प्रदर्शन के कारण वेस्टइंडीज का पलड़ा हल्का भारी रहा.
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर पर विशेष कवरेज
दिन भर में केवल 278 रन के एवज में 17 विकेट गिरे. भारत की तरफ से राहुल द्रविड़ (54) ने इंग्लैंड दौरे की यादों को ताजा किया लेकिन 65 रन के अंदर सात विकेट गंवाने वाला भारत 52.5 ओवर में 209 रन पर ढेर हो गया. वेस्टइंडीज ने पहली पारी में आखिरी पांच विकेट 39 रन के अंदर गंवाये थे लेकिन उसका 304 रन का स्कोर भी उसे 95 रन की बढ़त दिला गया.
कोटला के असमान उछाल वाले विकेट पर उसकी दूसरी पारी की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही. लगभग आधे घंटे से अधिक समय तक अधिक खिंचे दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के समय वेस्टइंडीज ने दो विकेट पर 21 रन बनाये और उसकी कुल बढ़त 116 रन हो गयी. बहरहाल कोटला की पिच भारत के स्टार बल्लेबाजों की असफलता के लिये बहाना नहीं हो सकती. उनके शॉट के गलत चयन और लापरवाही भरे अंदाज के कारण टीम बायें हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा के करियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (72 रन देकर छह विकेट) और रविचंद्रन अश्विन (तीन विकेट) के प्रयासों का फायदा उठाने में नाकाम रही.
कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी पर विशेष कवरेज
भारतीयों ने शॉट के गलत चयन और लापरवाही भरे अंदाज के कारण विकेट गंवाये. वीरेंद्र सहवाग (55) और गौतम गंभीर (41) अच्छी शुरुआत को बड़ी पारियों में नहीं बदल पाये जबकि तेंदुलकर (07), वीवीएस लक्ष्मण (01), युवराज सिंह (23) और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (0) ने निराश किया. कैरेबियाई टीम की तरफ से कप्तान डेरेन सैमी ने 35 रन देकर तीन जबकि लेग स्पिनर देवेंद्र बिशू और रवि रामपाल को दो-दो विकेट मिले.
धोनी ने दूसरी पारी में स्पिनरों से ही शुरुआत करवायी और अश्विन के पहले ओवर में ही गंभीर ने कीरेन पावेल का दूसरे प्रयास में कैच लिया जबकि प्रज्ञान ओझा ने दूसरे सलामी बल्लेबाज क्रेग ब्राथवेट (2) को पगबाधा आउट करके भारत की वापसी की उम्मीद जगायी. स्टंप उखड़ने के समय किर्क एडवर्डस 15 रन पर खेल रहे थे जबकि नाइटवाचमैन फिदेल एडवर्डस को अभी खाता खोलना है.
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द्रविड़ ने फिर से जिम्मेदारी भरी पारी खेली और ढीली गेंदों पर रन बटोरे. उन्होंने नौवें बल्लेबाज के रूप में आउट होने से पहले अपना 61वां और वेस्टइंडीज के खिलाफ 12वां अर्धशतक पूरा किया. उन्हें ईशांत शर्मा (17) से कुछ सहयोग मिला और इस बीच आठवें विकेट के लिये भारतीय खाते में 49 रन जुड़े. वैसे सभी की निगाहें तेंदुलकर पर थी और इस वजह से कल की तुलना में दर्शक भी अधिक पहुंचे थे लेकिन यह स्टार बल्लेबाज केवल 25 मिनट क्रीज पर रहकर पवेलियन लौट गया.
तेंदुलकर ने बिशू की गेंद पर प्वाइंट क्षेत्र में चौका जड़कर खाता खोला. दर्शकों की खुशी का ठिकाना नहीं था लेकिन यह क्या? फिदेल एडवर्डस की फुललेंथ गेंद उनके पैड से टकरायी और स्टीव टकर ने तुरंत उंगली उठा दी. स्टेडियम को मानो सांप सूंघ गया. कोई चहक रहा था तो एडवर्डस. .
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गंभीर और सहवाग ने सुबह एक-एक जीवनदान से बचने के बाद टीम को तेज और सकारात्मक शुरुआत दिलायी थी. गंभीर ने शुरू से एडवर्डस को निशाने पर रखा. उन्होंने इस गेंदबाज की कुल 17 गेंद पर 29 रन बनाये. उन्होंने अपने सात में से छह चौके उन्हीं पर लगाये. भारतीय विकेटों के पतझड़ की शुरुआत सहवाग के उस स्ट्रेड ड्राइव पर हुई जो गेंदबाज सैमी की उंगलियों को छूकर गंभीर को रन आउट कर गया था.
सहवाग भी अपना 28वां, वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरा और कोटला पर दूसरा अर्धशतक पूरा करने के बाद बिशू के पहले ओवर में स्टंप आउट हो गये. उन्होंने 46 गेंद खेलकर नौ चौके लगाये. लक्ष्मण ने ऐसे समय में बाहर जाती गेंद पर ढीला शॉट खेलकर कैरेबियाई खिलाड़ियों का जोश दुगुना कर दिया. युवराज ने दो छक्के जड़कर उम्मीद जगायी लेकिन तीसरे सत्र के शुरू में ही दो रन के अंदर तीन विकेट गंवाने से टीम बैकफुट पर आ गयी. सैमी ने युवराज को एक्स्ट्रा कवर पर कैच देने के लिये मजबूर किया जबकि धोनी के बल्ले और पैड के बीच के गैप का फायदा उठाकर उन्हें बोल्ड किया.
कैरेबियाई कप्तान ने अगले ओवर में अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे अश्विन को विकेटकीपर के हाथों कैच कराकर स्कोर आठ विकेट पर 154 रन कर दिया. द्रविड़ की एकाग्रता आखिर में रामपाल ने भंग की. वह अपने पुल पर नियंत्रण नहीं रख पाये और स्क्वायर लेग पर खड़े सैमी को कैच दे बैठे. उन्होंने 111 गेंद खेली और तीन चौके लगाये. रामपाल ने अगली गेंद पर उमेश यादव को भी बोल्ड किया. इस तरह से पदार्पण करने वाले दोनों भारतीय खिलाड़ी खाता नहीं खोल पाये.
इससे पहले सुबह वेस्टइंडीज ने पांच विकेट पर 256 रन से आगे खेलना शुरू किया लेकिन भारत ने पहले घंटे में ही 15 गेंद और 12 रन के अंदर शतकवीर शिवनारायण चंद्रपाल (118) सहित तीन विकेट निकाल दिये. चंद्रपाल अपने कल के स्कोर में केवल सात रन जोड़ पाये. ओझा ने दिन के अपने पहले ओवर में कार्लटन बॉ (27) और फिर अगले ओवर में आर्मबाल पर सैमी (5) को पगबाधा करके अपने कैरियर में पहली बार पारी में पांच विकेट लेने का कारनामा किया. इसके बाद ईशांत ने कोण लेती गेंद पर चंद्रपाल को पगबाधा आउट किया जिसके बाद कैरेबियाई पारी सिमटने में देर नहीं लगी.