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कोई शक नहीं लारा है सचिन से बेहतरः चैपल

दिग्गज बल्लेबाजों के बीच जब सर्वश्रेष्ठता की बात आती है तो कुछ बड़े नाम जेहन में आते हैं. लेकिन आस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेट कप्तान इयान चैपल का मानना है कि लारा अपनी पीढ़ी के दिग्गज बल्लेबाजों सचिन और पोंटिंग से ‘श्रेष्ठ’ हैं.

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ब्रायन लारा
ब्रायन लारा

दिग्गज बल्लेबाजों के बीच जब सर्वश्रेष्ठता की बात आती है तो कुछ बड़े नाम जेहन में आते हैं. लेकिन आस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेट कप्तान इयान चैपल का मानना है कि अपने विकेट को खतरे में डाले बगैर तेजी से बड़ा स्कोर खड़ा करने की वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा की क्षमता उन्हें अपनी पीढ़ी के दिग्गज बल्लेबाजों सचिन तेंदुलकर और रिकी पोंटिंग से ‘श्रेष्ठ’ बल्लेबाज बनाती है.

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चैपल ने अपने कालम में लिखा है कि टेस्ट क्रिकेट में एकमात्र 400 रन, एक तिहरा शतक और सात दोहरे शतक संभवत: लारा को भारत के सीनियर बल्लेबाज तेंदुलकर और आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान पोंटिंग से बेहतर बनाता है.

उन्होंने कहा, ‘इसमें बहस की कोई बात नहीं है कि रिकी पोंटिंग भी सचिन तेंदुलकर और ब्रायन के लारा के साथ इस पीढ़ी के तीन सबसे दबदबे वाले बल्लेबाजों में जगह बनाने का हकदार है. लेकिन इन तीनों में कौन सर्वश्रेष्ठ है.’

चैपल ने ‘डेली टेलीग्राफ’ में अपने कालम में लिखा, ‘लारा 400 रन की पारी के साथ टेस्ट क्रिकेट में विश्व रिकार्ड धारक है. टेस्ट क्रिकेट में बड़े शतक बनाने में वह ब्रैडमैन के बाद आते हैं. उसने टेस्ट क्रिकेट में 400 रन का एकमात्र स्कोर, एक तिहरा शतक और सात दोहरे शतक बनाए हैं. यह शानदार उपलब्धि है विशेषकर जब आप देखो कि तेंदुलकर और पोंटिंग दोनों ने ही तिहरा शतक नहीं बनाया है.’

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चैपल ने कहा, ‘संभवत: यही वह क्षेत्र है जहां लारा अन्य दो बल्लेबाजों से श्रेष्ठ है. बड़ा स्कोर खड़ा करने की उसकी क्षमता.’ इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि लारा को इस बात की समझ थी कि तेजी से रन बनाने के लिए किसी गेंदबाज को निशाना बनाया जाए और कौन उसके लिए खतरा पैदा कर सकता है.

चैपल ने स्वीकार किया कि पोंटिंग कभी भी तेंदुलकर के आंकड़ों के पहाड़ तक नहीं पहुंच पाएंगे लेकिन उन्होंने कहा कि इस आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने अपनी मानसिक मजबूत से प्रभावित किया है.

उन्होंने कहा, ‘दुनिया को जहां तेंदुलकर के 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक का इंतजार है वहीं पोंटिंग ने निरंतर अभ्यास से अपनी पुरानी लय हासिल की है और कड़ी मेहनत के साथ रन बटोरे हैं.’ चैपल ने कहा, ‘पोंटिंग कभी आंकड़ों में तेंदुलकर की बराबरी नहीं कर पाएगा लेकिन जब ध्यान भटकने के कारण ‘लिटिल मास्टर’ अपने 100वें शतक के करीब पहुंचकर चूकता रहा तब पोंटिंग ने अपनी मानसिक मजबूती से प्रभावित किया.’

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