प्रवासी भारतीयों के लिए निवेश प्रक्रिया को आसान बनाने की अपील करते हुए ब्रिटेन स्थित हिंदुजा समूह के अध्यक्ष एस पी हिंदुजा ने कहा कि विदेशों में बसे भारतीयों को विदेशी फर्मों के जरिए भारत में निवेश की मंजूरी मिलनी चाहिए.
बैंकिंग, वाहन से लेकर ऊर्जा क्षेत्र तक करीब 50 देशों में कारोबार करने वाले 25 अरब डॉलर के हिंदुजा समूह के अध्यक्ष ने कहा कि कहा कि आगामी बजट में सरकार को प्रवासी भारतीयों को भी उनके निवेश और कर मामले में देशवासियों के समान ही सुविधा देने पर विचार करना चाहिए.
वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा 16 मार्च को पेश किए जाने वाले 2012-13 के बजट में सरकार की जिम्मेदारियों और अवसरों के बारे में हिंदुजा ने कहा कि राजनीतिक दलों को धन देने की प्रकिया को नियमित करने और इसमें होने वाले भ्रष्टाचार को खत्म करने की भी जरूरत है.
उन्होंने कहा कि काले धन की मुश्किलों से निपटने के लिए सरकार को आम माफी योजना पर विचार करना चाहिए ताकि विदेशों में रखे गये कालेधन को वापस देश में लाकर उसे जवाबदेह बनाया जा सके.
उन्होंने कहा कि सरकार को आर्थिक सुधार प्रकिया को आगे बढ़ाना चाहिए जिसमें खुदरा कारोबार को विदेशी निवेश के लिए खोलना और बीमा व अन्य क्षेत्रों में एफडीआई निवेश को और उदार बनाना शामिल है.
देश में कृषि क्षेत्र में सुधार का सुझाव देते हुए हिंदुजा ने कहा कि प्रवासी भारतीयों को कृषि जमीन खरीदने या दीर्घकालिक पट्टे (करीब 10 साल) पर खरीदने की इजाजत होनी चाहिए. इससे आधुनिक प्रौद्योगिकी आएगी और कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों के लिए देश को अंतरराष्ट्रीय विश्वास की परिकल्पना पेश करनी चाहिए और विदेशी कंपनियों (ओवरसीज कॉरपरेट बॉडीज) के जरिए निवेश से प्रतिबंध हटाना चाहिए.
हिंदुजा ने कहा, ‘बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों ने विदेशी फर्मों में निवेश किया है और इन विदेशी कंपनी निकायों के बारे में जब तक ‘ग्राहक को जानो’ प्रकिया के तहत उचित जानकारी उपलब्ध है, उन्हें निवेश की अनुमति दी जानी चाहिए.’