लंदन ओलंपिक में विभिन्न स्पर्धाओं में पहला स्थान हासिल करने वाले खिलाड़ियों के लिये जिन विशिष्ट स्वर्ण पदकों को तैयार किया गया है, उनमें चांदी की भरमार है जबकि सोना नाममात्र का है.
ओलंपिक के लिये मंच सज चुका है और पहले तीन स्थानों पर रहने वाले खिलाड़ियों के लिये पदक भी तैयार कर लिये गये हैं, लेकिन हमेशा की तरह सोने के तमगों में सोना उतना ही रखा गया है जितना अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के नियमानुसार होना अनिवार्य है.
इस खेल महाकुंभ के लिये तैयार किये गये स्वर्ण पदक में सोने की मात्रा केवल 1.34 प्रतिशत है. सोने के तमगे में 92.5 प्रतिशत चांदी और 6.16 प्रतिशत तांबा है. रजत पदक में 92.5 चांदी और 7.5 प्रतिशत तांबा जबकि कांस्य पदक में 97 प्रतिशत तांबा, 2.5 प्रतिशत जिंक और 0.5 प्रतिशत टिन है.
ओलंपिक के दौरान 30 से ज्यादा स्थलों में 300 से अधिक पदक वितरण समारोह होंगे और इस दौरान लगभग 2100 पदक बांटें जाएंगे. लेकिन आयोजकों ने ओलंपिक और इसी दौरान होने वाले पैरालम्पिक के लिये लगभग 4700 पदक तैयार किये हैं.
ब्रिटिश कलाकार डेविड वाटकिन्स ने मुख्य ओलंपिक जबकि लिन चीयुंग ने पैरालम्पिक के पदकों का डिजाइन तैयार किया है. वेल्स के पोंटिक्लन में रायल मिंट में इनका निर्माण किया गया है.
इनमें से प्रत्येक पदक को बनाने में दस घंटे का समय लगा. पदकों के निर्माण के लिये एक बड़ी और खास मशीन कोलोसस तैयार की गयी थी.